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अमेरिका से 104 भारतीयों का अमृतसर आगमन


205 लोग थे चिह्नित, 186 की सूची आई; बाकी कब आएंगे स्पष्ट नहीं

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए अवैध तरीके से रह रहे 104 भारतीयों की वतन वापसी हो गई है। इन्हें लेकर बुधवार (5 फरवरी) दोपहर करीब 2 बजे US मिलिट्री का C-17 विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इसे पैसेंजर टर्मिनल के बजाय एयरफोर्स के एयरबेस पर उतारा गया है। अमृतसर एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक इन लोगों की वैरिफिकेशन की जा रही है। यहां से इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया जाएगा। इसके लिए बसें अंदर मंगाई गई हैं।

अमेरिका ने कुल 205 भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है। इसी बीच 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आई। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किए जाएंगे। यूएस मिलिट्री का यह विमान भारतीय समय के मुताबिक 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका से रवाना किया गया था। यह पहली बार है जब अमेरिका अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल कर रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे।

सबसे ज्यादा हरियाणा-गुजरात और पंजाब के
अमृतसर एयरपोर्ट पर लाए गए 104 लोगों में हरियाणा और गुजरात के 33-33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के 3, उत्तर प्रदेश-चंडीगढ़ के 2-2 लोग शामिल हैं। इनमें कुछ परिवार भी हैं। इसके अलावा 8–10 साल के बच्चे भी शामिल हैं। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लोगों को बाई रोड घर भेजा जाएगा। गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लोगों को बाई एयर ही आगे भेजा जा सकता है।

एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक इनमें कोई बड़ा अपराधी नहीं है। पंजाब पुलिस का कहना है कि इन्हें डिटेन करने के फिलहाल कोई आदेश नहीं हैं। न ही सरकार ने कोई डिटेंशन सेंटर बनाया है। ऐसे में संभावना है कि एयरपोर्ट पर क्लियरेंस के बाद इन्हें इनके घर रवाना कर दिया जाएगा।

केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सभी अवैध प्रवासियों की भारत में रिहाइश का पूरा डेटा चेक करने के बाद ही उन्हें देश में आने की इजाजत मिली है। 23 जनवरी को विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान डिपोर्ट करने पर सहमति बनी। वहीं, 27 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया कि फोन पर वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर PM मोदी ने भरोसा दिलाया कि जो सही होगा, वही करेंगे।

अमृतसर के पूर्व पासपोर्ट अधिकारी जेएस सोढी ने बताया कि जिस भी व्यक्ति को डिपोर्ट किया जाता है, उसके पास अपना पासपोर्ट नहीं होता। ऐसे में संबंधित भारतीय दूतावास उन्हें सर्टिफिकेट इश्यू करता है, जो भारत में लैंड होते ही वापस ले लिया जाता है। यह सर्टिफिकेट इश्यू होने से पहले भारतीय दूतावास संबंधित व्यक्ति के बारे में विस्तृत जानकारियां जुटाता है। भारत लौटने के बाद भी स्थानीय पुलिस इन पर नजर रखती है। इनकी वेरिफिकेशन दोबारा से की जाती है।


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