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19 साल की जेल, मुख्तार के ट्रक बचे न फैक्ट्रियां


कभी बड़े फाटक से UP की राजनीति तय होती थी, अब जब्ती के नोटिस लगे

‘मुख्तार को जेल में रहते 19 साल हो गए। बस जान लीजिए कि हर तीज-त्योहार पर उनकी कमी खलती है। ईद की सेवईं में उनके बिना मिठास नहीं रहती।’ ये बेबसी UP के गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की है। जिस जगह बैठकर अफजाल अंसारी ने ये बात कही थी, कभी वहां से गाजीपुर ही नहीं, पूरे पूर्वांचल की राजनीति तय होती थी। उनके भाई मुख्तार अंसारी का सिक्का लखनऊ तक चलता था।

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की शाम कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। दैनिक भास्कर 1 मार्च को उनके घर पहुंचा था। तब अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी से लोकसभा का टिकट मिला था। अफजाल ने मुख्तार पर भी बहुत सी बातें की थीं।

कहा था, ‘गाजीपुर का बड़ा फाटक हमेशा से सरकार को चुभता रहा है। केंद्र और UP सरकार ने साजिश कर अंसारी परिवार को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मीडिया के जरिए हमें ऐसे बदनाम किया गया, मानों हम देशद्रोही हैं।’

अफजाल अंसारी 5 बार विधायक रहे हैं, गाजीपुर से 2 बार सांसद भी चुने गए। उनके सबसे बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। एक वक्त था, जब अंसारी परिवार के ‘बड़े फाटक’ पर UP के बड़े नेताओं से लेकर सरकारी अधिकारी तक मुख्तार के आगे सिर झुकाए खड़े रहते थे। अब हवा उल्टी दिशा में बह रही है।

बीते 3 साल में अंसारी परिवार से जुड़ी 500 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चल चुका है।

अफजाल ने बताया, ‘इसी फाटक पर ED 13 घंटे बिता चुकी है। पूरे मकान की तलाशी ली, लेकिन सुई की नोंक तक नहीं मिली। 9 साल से अंसारी परिवार पर लगातार जुल्म होता रहा। ऊपर वाले की रहमत है कि हमारे पुरखों की जमीनें अब भी मौजूद हैं। इन्हें बेचकर मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा।’

UP की सियासत के सबसे ताकतवर घरानों में शामिल अंसारी परिवार कैसे बिखरता गया, अफजाल अंसारी क्यों जमीन बेचकर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, अंसारी परिवार के पास पहले कितनी प्रॉपर्टी थी और अब कितनी बची है, पढ़िए पूरी खबर।

संकरी गलियों से होते हुए हम ‘बड़ा फाटक’ बाजार पहुंचे। यहां दूर से ही मुख्तार अंसारी की कोठी दिखने लगती है। कोठी में सिबगतुल्लाह अंसारी मिले। वे हमें गेस्ट रूम में ले गए। गेस्ट रूम की दीवारों पर लाइन से अंसारी परिवार के सदस्यों की फोटो लगी हैं।

सबसे बड़ी फोटो मुख्तार के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी की है। वे 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष थे। दूसरी फोटो मुख्तार के नाना और महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की है। ब्रिगेडियर उस्मान 1947 में नौशेरा की लड़ाई में शहीद हुए थे।

एक फोटो मुख्तार के पिता सुभानउल्ला अंसारी की है। सुभानउल्ला गाजीपुर के बड़े कम्युनिस्ट नेता थे। साफ-सुथरी छवि की वजह से उन्हें 1971 में नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। एक फोटो पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की भी है। हामिद रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं। रूम के बीच में बनी अलमारी में मुख्तार के बचपन से राजनीति के दिनों तक की फोटो रखी हैं।


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