शाही सवारी भी निकली; एक ही दिन में 50 हजार से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन
राजसमंद में नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर व द्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली सहित प्रमुख कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर व द्वारिकाधीश मंदिर में श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है। श्रीनाथजी मंदिर मंडल व मंदिर के सेवकों ने जन्माष्टमी को लेकर बड़े स्तर पर व्यवस्थाएं की हैं। श्रीनाथजी मंदिर में जन्माष्टमी पर सुबह पंचामृत स्नान दर्शन हुए हैं व शाम को शोभायात्रा निकाली गई व रात्रि 12 बजे 21 तोपों की सलामी दी गई। वही मंगलवार को नन्दोत्सव मनाया जा रहा है।
इसके बाद श्रृंगार दर्शन में श्री प्रभु को तिलक धराया गया व राजभोग के दर्शन में द्वारकेश बैंड के साथ द्वारकेश गार्ड विट्ठल विलास बाग से द्वारिकाधीश मंदिर पहुंचे। यहां गोवर्धन पूजा चौक में परेड के बाद श्री प्रभु को सलामी दी गई। इसी क्रम में रात्रि शयन के दर्शनों के बाद 9 से 9.30 के बीच जागरण के दर्शन खुलें । जो रात्रि 11.30 तक खुले रहें। दर्शन का क्रम पूरा होने के बाद रात्रि 12 बजे जन्म के दर्शन खुलें । इस दौरान प्रभु के जन्म की खुशी में द्वारकेश गार्ड बंदूकों से सलामी दी गई। वही श्रीनाथजी मंदिर में रात्रि करीब साढे सात बजे भोग आरती के दर्षन खुलें जो करीब एक घंटे तक रहें । वही रात्रि साढे आठ बजे जागरण के दर्षन खुलंे जो करीब 3 घंटते तक खुले रहें । इसके बाद दर्षन बंद हुए ओर रिसाला चौक में 21 तोपो की सलामी दी गई। इस दौरान श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। मंगलवार को दोनो ही मंदिरों में नन्दोत्सव मनाया जाएंगा।
वही श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास प्रभु श्री द्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली में भी जन्माष्टमी पर्व पर द्वारिकाधीश प्रभु के मंगला के दर्शन खुले। इसके बाद सुबह 6 बजे पंचामृत स्नान के दर्शन हुए। जिसमें श्री प्रभु को पंचामृत स्नान करवाया गया।