सिलिकोसिस व टीबी की बीमारी ने ऐसा जकड़ा, परिवार हो गया कर्जदार
कहते है दो जून की रोटी के लिए इंसान क्या कुछ नहीं करता। लेकिन दो जून की रोटी के बंदोबस्त ही इंसान की जान पर आ जाए तो इंसान आखिर करें तो करें क्या। हम बात कर रहे है राजसमंद के बोरज गांव के किशन लाल कालबेलिया की, जो महज 24 साल की उम्र सिलिकोसिस व टीबी की बीमारी से पीड़ित है। इन बीमारियों के महंगे इलाज के चलते किशन का परिवार कर्जदार हो गया है। इसके बावजूद किशन की हालत खराब है।
परिवार भी अब गरीब हालत के चलते किशन का इलाज करवाने में और कर्जदार होता जा रहा है। किशन के इलाज के लिए हर 24 घंटे में 3 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है। इन सिलेंडर का इंतजाम करते—करते परिवार भी अब हार चुका है। डॉक्टर ने भी इलाज के लिए इतनी मोटी रकम बताई कि ये अब परिवार के बस का नहीं है। अब किशन का इलाज भगवान भरोसे रह गया है।
पाउडर प्लांट में करता था काम
दरअसल बोरज गांव के किशन लाल कालबेलिया पाउडर प्लांट में काम करता था, जिसके बाद उसको खांसी की बीमारी हुई। जब डॉक्टर को चेक कराया तो फेफड़े खराब बताए गए। जिसमें सिलोकोसिस व टीबी की बीमारी सामने आई।
इलाज के लिए लाखों रूपए का खर्चा बताया
जानकारी के अनुसार किशन लाल की बीमारी के इलाज के लिए करीब 50 लाख के खर्चे का अनुमान है। जो उसके परिवार के लिए संभव नहीं है। इसके अलावा 4 से 5 साल तक 1000 रूपए रोज की दवा। अब परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। साथ ही परिवार अब किसी भामाशाह या सरकारी मदद के इंतजार में बैठा है। परिवार का कहना है कि अब तो कोई चमत्कार या फरिश्ता ही किशन लाल का इलाज करवा सकता है।
कई अस्पतालों में करा चुके इलाज
किशन लाल अपनी बीमारी के इलाज के लिए उंजा नूतन हॉस्पिटल अहमदाबाद, कमला नेहरू हॉस्पिटल, कुरज, कुवारिया, बड़ी हॉस्पिटल, आरके हॉस्पिटल, पेसीफिक उमरड़ा उदयपुर, जालोर हॉस्पिटल में इलाज करा चुके है। वहीं वर्तमान में बड़ी हॉस्पिटल का इलाज चल रहा है।
25 जुलाई से ऑक्सीजन सिलेंडर पर है
किशन लाल 25 जुलाई 2024 से ऑक्सीजन सिलेंडर पर है। किशन लाल पिछले एक माह से अधिक समय से ऑक्सीजन सिलेंडर पर है, जिसमें हर 24 घंटे में 3 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की जरूरत पड़ती है। प्रति सिलेंडर 500 रूपया लगता है। उसके हिसाब से 1500 रूपए 24 घंटे में खर्च करने पड़ते है।