8 टॉपिक होंगे; केवल नो बैग डे के दिन पढ़ाया जाएगा, दो नई किताबें मिलेंगी
राजस्थान में अब 6वीं से 12वीं के 55 लाख से ज्यादा बच्चों को केवल साइंस-मैथ-इतिहास ही नहीं जीवन कौशल यानी लाइफ स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी। सरकारी स्कूल के बच्चों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने की कला सिखाई जाएगी।
प्रदेश के शिक्षा विभाग ने जीवन कौशल नाम से जूनियर-सीनियर लेवल की दो नई किताबें इसी नए सत्र से लागू करने की तैयारी कर ली है। इन किताबों को हर शनिवार केवल ‘नो बैग डे’ के दिन ही पढ़ाया जाएगा।
बच्चों में लीडरशिप विकसित करने के तरीके, जीवन में तनाव को कैसे झेला जाए जैसे 8 महत्वपूर्ण टॉपिक कवर करवाए जाएंगे। इन सभी टॉपिक को कहानियों में तब्दील किया गया है, ताकि बच्चे रोचक तरीके से ये बातें सीख सकें।
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) उदयपुर ने 10 हजार से ज्यादा स्कूली बच्चों पर सर्वे के बाद इस कोर्स को डिजाइन किया है।
सर्वे में पता चला 57% टीचर और स्टूडेंट्स को नहीं लाइफ स्किल का ज्ञान
सिलेबस संबंधी बदलाव का काम उदयपुर स्थित राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ही देखती है। स्कूली बच्चों और टीचर्स को जीवन कौशल (लाइफ स्किल) का कितना ज्ञान है, इसको लेकर संस्था ने 2022-23 सत्र में एक सर्वे किया था।
2023 में इसकी राजस्थान लाइफ स्किल असेसमेंट रिपोर्ट-2023 तैयार की गई। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 57% टीचर और स्टूडेंट्स को इन सब्जेक्ट के बारे में जानकारी तक नहीं है। इसके बाद ये निर्णय लिया गया कि इन विषयों की अलग से किताब तैयार की जाए।
पहले 10 हजार बच्चों को पढ़ाई गई किताबें, फिर 8 टॉपिक किए फाइनल
10 हजार बच्चों इस कोर्स के बारे में पढ़ाया गया। इसके बाद आरएससीईआरटी ने दोबारा सर्वे रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट के आधार पर तय हुआ कि 8 तरह की स्किल्स पर काम करने की जरूरत है।
रिपोर्ट में सबसे खास जो दो पॉइंट थे उसमें एक सबसे जरूरी तनाव था। तनाव का मुकाबला कैसे करें, इसे लेकर सभी जिलों में बच्चे जवाब नहीं दे पाए थे।
यह साफ हो गया कि इस सीरियस इश्यू पर काम करने की जरूरत है। दूसरा क्रिटिकल थिंकिंग यानी कैसे दूसरों पर विश्वास किया जाए और सच्चाई को परखा जाए, इस बारे में भी बच्चे जवाब नहीं दे पाए।
बच्चों के इन्हीं सवाल और जवाब को आधार बनाकर 8 लाइफ स्किल्स नाम से प्रोग्राम तैयार किया गया है। आरएससीईआरटी उदयपुर ने पीरामल फाउंडेशन के जरिए इस प्रोसेस पर काम शुरू किया। ये पूरा कोर्स स्टूडेंट, टीचर और लाइफ सिस्टम पर आधारित है।
जानें क्या-क्या होगा इस नए कोर्स में
चैप्टर: सोशल स्किल्स
1 कम्युनिकेशन : अपने विचार, भावों के आदान-प्रदान करने, सूचनाओं और संचार के सिस्टम को समझना।
2 लीडरशिप : टीम भावना, तत्काल निर्णय लेना, महारत हासिल करना और जवाबदेही जैसे गुण विकसित हों।
चैप्टर: थिंकिंग स्किल्स
3 क्रिटिकल थिंकिंग : कैसी भी परिस्थिति आ जाए उस समय निर्णय कैसे लेना है, यह समझाया जाएगा। आंख मूंद कर विश्वास करने की बजाय उसको समझना, जानना, जानकारी जुटाना और सच्चाई को परखने के बाद निर्णय लेने की समझ आए।
4 प्रॉब्लम सॉल्विंग : आपके जीवन से लेकर करियर में कोई समस्या आए तो उस पर तनाव लेने की बजाय उसके समाधान क्या हैं। इसमें समस्या की जड़ तक जाकर आगे क्या परिणाम आएंगे उसको ध्यान में रखते हुए समाधान निकालना सीखें, ऐसा हुआ तो आप स्वयं और दूसरों की प्रॉब्लम सॉल्व कर सकेंगे।
5. डिसीजन मेकिंग : आपके जीवन से जुड़ा हो या आपके करियर से संबंधित आपको निर्णय लेने की स्किल्स आनी चाहिए। निर्णय लेने से पहले कब, कहां, क्यों और कैसे आदि के बारे में समग्रता से जानें और समझे फिर निर्णय की तरफ बढ़ें।
इमोशनल स्किल्स
6. तनाव को झेलना : जीवन में हर कदम पर तनाव की समस्या रहती है लेकिन उससे मुकाबला कैसे करना। तनाव से बचने के सारे टिप्स सकारात्मक, व्यायाम, एक्सपर्ट राय, समस्याएं शेयर करना आदि के बारे में जाने और समझें।
7. इमोशनल मैनेजमेंट : हमारे मन में नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों भावनाएं होती हैं और जीवन में उन पर नियंत्रण करना और उसका मैनेजमेंट कैसे करना है।
पर्सनल स्किल्स8. लचीलापन : जीवन और करियर में विपरीत परिस्थितियों का सामना करने और जीवन की कठिन घटनाओं से कैसे निपटा जाए और इसके लिए काम करने क्षमता प्रमुख रूप से है। चुनौतियों के समय लचीलापन का गुण बहुत काम आता है।
क्या पेपर होगा?
आरएससीईआरटी के अधिकारियों ने बताया कि इन किताबों को केवल नो बैग डे यानी की शनिवार के दिन ही पढ़ाया जाएगा। इसमें केवल कहानियां शामिल की गई हैं, जिन्हें सुनकर बच्चे समझ पैदा करेंगे। इसके लिए बच्चों को कोई पेपर नहीं देना होगा। लेकिन अनिवार्य सब्जेक्ट के तौर पर ये किताब पढ़ाई जाएगी।