आरी से काटे थे हरियाणा में क्वेश्चन पेपर बॉक्स, यहीं बांटे ग्रेस मार्क्स
NEET के 6 टॉपर, सभी के 720 में से 720 नंबर, सभी का एक सेंटर, हरियाणा के बहादुरगढ़ का हरदयाल पब्लिक स्कूल। यहीं के दो और कैंडिडेट हैं, जिन्हें 718 और 719 नंबर मिले। 4 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, यानी NTA ने NEET का रिजल्ट घोषित किया था। पहली बार ऐसा हुआ जब 67 कैंडिडेट को 720 में से 720 नंबर मिले। सवाल उठा कि ऐसा कैसे हो सकता है। कुछ ही देर में ये बात भी सामने आ गई कि 100% नंबर लाने वाले 6 स्टूडेंट हरियाणा के एक ही सेंटर के हैं। सभी ने हरदयाल पब्लिक स्कूल में एग्जाम दिया था। इससे रिजल्ट शक के दायरे में आ गया। हरदयाल पब्लिक स्कूल भारतीय जनता युवा मोर्चा के झज्जर डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट शेखर यादव के परिवार का है। यहां 504 कैंडिडेट्स ने NEET का एग्जाम दिया था। विवाद के बाद NTA ने सफाई दी कि ग्रेस मार्क्स की वजह से इतनी बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स् के फुल मार्क्स आए हैं।
दैनिक भास्कर इस सेंटर पर पहुंचा तो पता चला कि कन्फ्यूजन में कैंडिडेट्स को दो पेपर बंट गए थे। ऐसा बहादुरगढ़ के तीनों सेंटर पर हुआ। इसमें करीब 37 मिनट बर्बाद हुए, इसी ‘लॉस ऑफ टाइम’ की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए।
720 नंबर लाने वाले बहादुरगढ़ के 6 स्टूडेंट्स समेत 1,563 कैंडिडेट के ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बलौदा बाजार, गुजरात के सूरत, चंडीगढ़, मेघालय और हरियाणा के बहादुरगढ़ के सेंटर्स के इन बच्चों को 23 जून को दोबारा एग्जाम देना होगा।
दैनिक भास्कर ने इस मामले में स्कूल मैनेजमेंट, एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स, उनके पेरेंट्स और NEET के सिटी कोऑर्डिनेटर वीएन झा से बात की।
बहादुरगढ़ के ही विजया स्कूल में एग्जाम देने वाले किसी कैंडिडेट को ग्रेस मार्क नहीं मिले। सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किए जाने के बाद ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए गए। ग्रेस मार्क पाने वाले 1,563 कैंडिडेट्स के पास ऑप्शन है कि वे 23 जून को दोबारा एग्जाम दें या फिर बिना ग्रेस मार्क जोड़े पुराने रिजल्ट को एक्सेप्ट कर लें।
हरदयाल पब्लिक स्कूल में एग्जाम देने वाली अंजलि यादव को भी 720 नंबर मिले हैं। वे कहती हैं, ‘थोड़ी निराशा तो हुई है। मेरे इतने नंबर आए थे, लेकिन अब दोबारा एग्जाम देना पड़ेगा। फिर भी NTA के फैसले से दिक्कत नहीं है। मैं भी चाह रही थी कि ग्रेस मार्क्स के आधार पर नहीं, अपने दम पर आगे जाऊं।’
एक और कैंडिडेट यश कटारिया बताते हैं, ‘मेरा सेंटर हरदयाल पब्लिक स्कूल में था। मेरे 718 नंबर आए थे। मुझे ग्रेस मार्क्स मिले थे। सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर तो मानना ही है, लेकिन कुछ तो गलत हुआ ही है। एग्जाम में हमें अलग और देशभर में बाकी कैंडिडेट्स को अलग पेपर सेट मिला। दोनों के सवाल अलग थे।’
स्कूल की चेयरपर्सन बोलीं- हमने इन्क्वायरी कमेटी को सारे जवाब दे दिए
दैनिक भास्कर की टीम हरदयाल पब्लिक स्कूल पहुंची, तो वहां सन्नाटा पसरा था। गार्ड ने हमें गेट पर ही रोक दिया। बोला कि सख्त आदेश है कि मीडिया को अंदर नहीं आने देना है। हमने स्कूल की चेयरपर्सन अनुराधा यादव को फोन किया।
हमने उनसे पूछा कि क्या परीक्षा के दिन एग्जाम सेंटर में कोई गलती हुई थी? उन्होंने जवाब दिया, ‘इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहती।’