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उदयपुर के 74 स्टूडेंट जम्मू कश्मीर के एवलांच में फंसे


स्टूडेंट्स बोले- गाड़ी के 500 मीटर पहले भूस्खलन हुआ, सेना ने मदद की

जम्मू कश्मीर में आए एवलांच में उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 74 स्टूडेंट और 7 स्टाफ के लोग फंस गए। सेना की मदद से रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया। एक छात्रा ने पीएम नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया पर मैसेज करके भी मदद मांगी थी।

प्रोफेसर कल्पेश निकावत ने कहा कि स्टाफ और बच्चों के साथ कश्मीर की यात्रा पर थे। बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के कारण तीन दिनों तक काजीगुंड में फंसे रहे। खराब मौसम के बीच सेना ने हमारी मदद की और सभी को सुरक्षित जगह पहुंचाया।

जम्मू कश्मीर में मंगलवार को भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण सड़कों पर ट्रैफिक रोक दिया गया था। कई यात्री जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर फंस गए थे, जिसमें सुखाड़िया विवि के लॉ कॉलेज के 74 स्टूडेंट और सात स्टाफ सदस्य भी शामिल थे। यात्रियों के फंसने की सूचना पर सेना के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। जवान सभी को निकालकर आर्मी बेस कैंप बनिहाल लेकर गए।

हिमस्खलन से डर गए थे
एक छात्रा ने कहा कि बनिहाल पार करने के बाद हमारी गाड़ी के ठीक 500 मीटर पहले हिमस्खलन हुआ, जिससे हम डर गए थे। आर्मी के बारे में आज तक सुना लेकिन प्रत्यक्ष देख लिया कि उनकी वजह से हम सुरक्षित आए। उन्होंने हमें फूड पैकेट भी उपलब्ध कराए। सुखाड़िया विश्वविद्यालय की स्नेहा सिंह ने ट्वीटर पर पीएम को टैग कर मदद भी मांगी थी। अब सभी जम्मू आ गए हैं।

हिमस्खलन क्या होता है?
बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं। हिमस्खलन के दौरान बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से फिसलती हैं। हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की ओर गिरने लगती हैं।

दो दिन पहले जारी हुआ था अलर्ट
पिछले दिनों हिमालय में हो रही बर्फबारी के बीच मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही एवलांच को लेकर चेतावनी जारी की थी। जम्मू और कश्मीर डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने 10 जिलों के लिए छोटे से लेकर बड़े और भयानक एवलांच हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी। अधिकारियों का कहना था कि अनंतनाग और कुलगाम में कम खतरे वाला एवलांच आएगा।

इसके अलावा डोडा, किश्तवाड़, पुंछ, रामबन, बांदीपोरा, बारामूला, कुपवाड़ा और गांदरबल जिलों के लिए मीडियम लेवल के एवलांच की चेतावनी जारी की गई थी।


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