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800 सुहागिनों ने चंद्रमा को अर्घ्य देकर खोला व्रत


श्री श्रीमाली समाज संस्था का सामूहिक करवाचौथ उद्यापन कार्यक्रम, शहरभर में अन्य जगह भी हुए आयोजन

उदयपुर में श्री श्रीमाली समाज संस्था मेवाड द्वारा टाइगर हिल स्थित संस्कार भवन में रविवार देर शाम को सामूहिक करवाचौथ उद्यापन कार्यक्रम में 800 से ज्यादा महिलाओं ने एक साथ पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया। महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य के लिए पूरे दिन निर्जल रहकर व्रत किया। रात को चन्द्रोदय के बाद अर्घ्य दिया। कई महिलाओं ने अपने करवे कलपकर पानी पीकर व्रत खोला तो कई सुहागिनों ने पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोला।

उद्यापन कार्यक्रम में खचाखच भरा प्रांगण

श्रीमाली समाज के इस सामूहिक उद्यापन कार्यक्रम में उद्यापन करने वाली महिलाओं के साथ उनकी गौरणियों के रूप में आई महिलाओं से प्रांगण खचाखच भर गया। श्रीमाली समाज संस्था मेवाड के अध्यक्ष दिग्वीजय श्रीमाली ने बताया कि करीब ढाई हजार समाज के लोगों ने भोजन किया। इसके तहत शाम होने के साथ ही महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया था।

सुहागिनों ने निर्जल रहकर संस्कार भवन परिसर में आयोजक द्वारा की गई व्यवस्थाओं के अनुरूप चौथ माता की पूजा की।

सास, बहू, ननद, भाभी ने एक साथ की पूजा

सुहागिनों ने निर्जल रहकर संस्कार भवन परिसर में आयोजक द्वारा की गई व्यवस्थाओं के अनुरूप चौथ माता की पूजा की। सुहागिन महिलाओं ने सज-धजकर चौथ माता की पूजा साथ सुहाग की वस्तुएं भी चढाई और कथा सुनी। सुहागिनों ने पूजा में कुमकुम, लच्छा, चुडियां, साडी, मेहंदी और करवे के साथ प्रसाद चढाया। महिलाओं ने सोलह श्रृंगार किया और संस्कार भवन में अपने परिवार के साथ पहुंची। यहां सास, बहू, ननद, भाभी ने साथ पूजा की।

शहरभर में भी जगह-जगह आयोजन और घर-घर हुआ पूजन

इधर, शहर में भी कई जगह महिलाओं ने सामूहिक करवाचौथ का पूजन किया। वहीं घरों में भी पूजन कर व्रत खोला गया। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य कामना को लेकर पूरे दिन निर्जल रहकर व्रत रखा। शाम को चांद दिखने पर उन्होंने पानी पीकर व्रत खोला। इससे पहले चौथ माता की पूजा और उनकी कहानी सुनी।

शहरभर में भी जगह-जगह आयोजन और घर-घर हुआ पूजन

इधर, शहर में भी कई जगह महिलाओं ने सामूहिक करवाचौथ का पूजन किया। वहीं घरों में भी पूजन कर व्रत खोला गया। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य कामना को लेकर पूरे दिन निर्जल रहकर व्रत रखा। शाम को चांद दिखने पर उन्होंने पानी पीकर व्रत खोला। इससे पहले चौथ माता की पूजा और उनकी कहानी सुनी।


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