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एल्विश पार्टी में इस्तेमाल करते थे सांपों का जहर


सांप से कैसे कटवाते हैं, कितने दिन रहता है नशा; 3 मामलों से समझिए

15 अक्टूबर 2023 को रियलिटी शो बिग बॉस से चर्चा में आए यूट्यूबर एल्विश यादव समेत 6 लोगों के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी। आरोप था कि एल्विश यादव फार्म हाउसों में जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट कराते हैं। नोएडा पुलिस ने सपेरों के कब्जे से बरामद हुए सांपों के जहर को जांच के लिए FSL लैब भेजा था। अब रिपोर्ट आई है कि एल्विश की रेव पार्टी में कोबरा, करैत जैसे सांपों के जहर का इस्तेमाल हो रहा था।

भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि एल्विश की पार्टी में नशे के लिए सांप से कैसे कटवाया जाता था, इसका नशा कितने दिन रहता है और ये कितना बड़ा बाजार है?

सबसे पहले एल्विश यादव से जुड़ा पूरा मामला समझते हैं…
अक्टूबर 2023 की बात है। BJP नेता मेनका गांधी की संस्था पीपल्स फॉर एनिमल्स की ओर से नोएडा पुलिस को एल्विश यादव के खिलाफ शिकायत की गई थी। FIR में लिखा था कि एल्विश जिंदा सांपों के साथ दिल्ली NCR के फार्म हाउस में वीडियो शूट कराता है।

गैरकानूनी रूप से रेव पार्टियों में इन सापों और उनके जहर का इस्तेमाल होता है। रेव पार्टियों में विदेशी लड़कियों के शामिल होने की बात भी सामने आई। आरोप था कि इन पार्टियों में स्नेक वेनम और दूसरे ड्रग्स का सेवन किया जाता था। केस में गिरफ्तार आरोपी राहुल यादव का एक ऑडियो क्लिप सामने आया था, जिसमें उसने PFA मेंबर को बताया था कि उसने एल्विश की पार्टी में ड्रग्स पहुंचाई थी।

पुलिस को राहुल के पास से 20ml जहर मिला था। सांपों को वन विभाग ने मेडिकल परीक्षण और FSL जांच के लिए भेजा था। इसमें खुलासा हुआ था कि 5 कोबरा की विष ग्रंथि निकाली गई थी।

अब अलग-अलग मेडिकल जर्नल में प्रकाशित ये 3 केस रिपोर्ट पढ़िए, जिसमें नशे के लिए स्नेक बाइट का इस्तेमाल किया गया…

केस स्टडी 1: ब्राउन शुगर बेअसर होने लगा तो स्नेक बाइट शुरू की
22 साल का मुस्लिम युवक, जिसने 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। एक प्राइवेट अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करता था। उसे ब्राउन शुगर की लत लग गई। शुरुआत में वह रोजाना दो सैशे ब्राउन शुगर इस्तेमाल करता था। धीरे-धीरे वह दिन में 4 से 5 सैशे लेने लगा। नशे के लिए उसने कफ सिरफ का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसके बावजूद उसे ज्यादा नशे की जरूरत महसूस होती रही।

साल भर के अंदर उसने नशे के लिए स्नेक बाइट का इस्तेमाल शुरू कर दिया। उसने बताया कि एक बोतल में हरे रंग का सांप होता था। सांप के सिर पर टैप करने पर वो अंगूठे या जीभ में काट लेता था। एक स्नेक बाइट के 2500 रुपए लगते थे।

सांप से कटवाने के बाद उसे धुंधला दिखने लगता था, बेहोशी छाने लगती थी और उत्तेजना बढ़ जाती थी। इसके बाद 18 से 20 घंटे के लिए वो गहरी नींद में जाता था। धीरे-धीरे सांप से कटवाने के बावजूद इसका असर घटने लगा और नींद का समय 10 से 12 घंटे तक सिमट गया।

केस स्टडी 2: नशे के लिए जीभ पर सांप से कटवाता था
22 साल का एक मुस्लिम लड़का, 10वीं पास और प्रोफेशन से स्वीपर। ब्राउन शुगर की लत की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया। वो 4 साल से ब्राउन शुगर ले रहा था। धीरे-धीरे उसका कंजप्शन बढ़कर 5 सैशे प्रतिदिन हो गया था।

एक बार अपने दोस्तों के साथ वह मुंबई की एक रेव पार्टी में गया। वहां सभी ब्राउन शुगर लेने के बाद सांप से कटवा रहे थे। उसने भी ऐसा किया। एक बॉक्स में सांप था, जिसके होल में जीभ रखनी होती थी। सांप उस पर काट लेता था। ब्राउन शुगर लेने के बाद शख्स ने होल में जीभ रखा और सांप ने डस दिया। इस स्नेक बाइट के बाद वह अगले 12 से 14 घंटे तक सोता रहा। इसके बाद उसे सांप से कटवाने की आदत लग गई और अक्सर वह इस तरह की पार्टी में शामिल होने लगा।

केस स्टडी 3: एक हफ्ते तक रहता था सांप का नशा
रांची का रहने वाला 28 वर्षीय एक सपेरा रोजाना शराब पीता था। कई बार कोशिश करने के बावजूद 15 साल पुरानी लत छूट नहीं रही थी। एक बार उसने सांप से डसवा लिया। इसका नशा उसे 6 से 7 दिनों तक रहा। धीरे-धीरे उसकी शराब की लत छूटने लगी, लेकिन सांप से डसवाने की लत बढ़ती गई।

एल्विश की पार्टी में नशे के लिए सांप से कैसे कटवाते हैं?
अलग-अलग केस में नशे के लिए सांप से डसवाने के अलग-अलग तरीके होते हैं…

  • सांप का सिर पकड़कर अपने शरीर के इतने करीब लाते हैं, जहां से उसकी जुबान पहुंच जाए। इसके बाद उसके सिर पर हल्का सा टैप करते हैं। सांप सामने जगह पर जोर से डसता है और अपना जहर छोड़ देता है।
  • शुरुआत में हाथ की छोटी उंगली या पैर के अंगूठे में डसवाते हैं। उसके बाद होंठ, जुबान और कान के लोब्स में भी डसवाना शुरू करते हैं।
  • सांप का नशा करने वालों के मुताबिक 10 से 40 सेकेंड तक तेज चुभन होती है। उसके बाद बेहद सुख की अनुभूति, मसल्स में दर्द और नींद आने लगती है।
  • कुछ लोग सांप को बोतल में बंद रखते हैं और उसके मुहाने पर उंगली या जीभ रखकर डसवाते हैं।

इसके अलावा नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अफसरों के मुताबिक एक पाउडर होता है जो सांप के जहर से बना होता है। इसे ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पिया जाता है। इस पाउडर को स्नेकबाइट पाउडर कहा जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोबरा के जहर का होता है। नार्कोटिक्स अफसर बताते हैं कि इसका नशा कुछ घंटे से लेकर पूरे दिन तक हो सकता है। डिपेंड करता है कि नशे के लिए जहर की कितनी मात्रा ली गई है।

इसके अलावा जिन लोगों को कम जहरीले सांप का नशा चाहिए होता है वो रैट स्नेक, ग्रीन बेल स्नेक के जहर को शराब के साथ लेना पसंद करते हैं।

नशे के लिए कौन से सांप का इस्तेमाल किया जाता है?

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में नशेड़ी नशे में जिस सांप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उसका नाम- नाजा नाजा यानी कोबरा, बुंगारस कैर्यूलस यानी कॉमन क्रेट और ओफियोड्रिस वर्नालिस यानी हरा सांप है।

नशे में सांप के जहर का इस्तेमाल क्यों होता है?
नशे के लिए सांप के जहर के इस्तेमाल की ज्यादा चर्चा नहीं होती। हालांकि, इसके केस पहले भी आते रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका इस्तेमाल वो लोग करते हैं जो रेगुलर नशीले पदार्थ जैसे मॉर्फीन और कोकीन से ऊब जाते हैं।

जर्नल ऑफ साइकोलॉजिक मेडिसिन के मुताबिक सांप के जहर का थोड़ा अमाउंट लिया जाए तो इसका साइकोएक्टिव इफेक्ट होता है। यानी ये इंसान के नर्व सिस्टम को धीमा कर देता है। कुछ स्टडी में ये भी सामने आ चुका है कि कोबरा के जहर में मॉर्फीन ड्रग जैसा नशा होता है।

सांप का जहर जब शरीर में जाता है तब खून में एक्टिव मेटाबोलाइट्स यानी खाना पचने के बाद बनने वाला पदार्थ रिलीज होता है। इसमें सेरोटोनिन, ब्रैडीकिनिन, पेप्टाइड्स, प्रोस्टाग्लैंडिंस और दूसरे इसी तरह के पदार्थ शामिल हैं। इनसे इंसानी शरीर पर नींद आने और शांत कर देने वाला रिएक्शन होता है।


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