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DMK लीडर ए राजा बोले- भारत को देश नहीं मानता


ये उप-महाद्वीप, देश का मतलब एक भाषा, एक संस्कृति होता है

तमिलनाडु में DMK सांसद ए राजा ने भारत को एक देश मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत कभी देश था ही नहीं। एक देश का मतलब होता है, एक भाषा, एक संस्कृति और एक परंपरा। तब उसे देश कहा जाता है। ए राजा ने 3 मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बर्थडे पर कोयम्बटूर में हुई एक सभा में ये बयान दिया।

राजा की स्पीच की 3 बातें, विवाद संभव
1. भारत देश नहीं है
ए राजा ने कहा, “भारत एक उप-महाद्वीप है। कारण क्या है? यहां कई परंपराएं और संस्कृतियां हैं। तमिलनाडु में एक भाषा-एक संस्कृित हैं। यह एक देश है। मलायलम एक भाषा है, एक राष्ट्र है और एक देश है। ओडिशा एक देश है, वहां एक भाषा है। केरल में अलग, दिल्ली में अलग भाषा और संस्कृति है। ये सारे देश मिलकर भारत को बनाते हैं। इसलिए भारत एक देश नहीं, बल्कि एक उप-महाद्वीप है।”

2. मणिपुर में डॉग मीट खाया जाता है
ए राजा ने कहा, “मणिपुर में डॉग मीट खाया जाता है, क्यों। हां, वो खाते हैं। ये कल्चर है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ये सब हमारे दिमाग में है। कश्मीर में अलग कल्चर है। इसे आपको मानना होगा। अगर कोई समुदाय बीफ खाता है, तो आपको क्या समस्या है? उसने आपको खाने को कहा क्या? अनेकता में एकता है। हम सब अलग हैं। इसे मान लीजिए।”

3. वाटर टैंक एक, पर टॉयलेट का पानी किचन में इस्तेमाल नहीं करते
DMK सांसद ने कहा, “वाटर टैंक से पानी किचन में भी आता है और टॉयलेट में भी। किचन में हम वो पानी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन टॉयलेट से लाकर वो पानी किचन में इस्तेमाल नहीं करते। क्या वजह है? हमें मनोवैज्ञानिक समस्या है। पानी एक ही है पर अंतर पैदा कर देती है, ये बात कि ये कहां से आ रहा है। हम जानते हैं कि ये किचन है और ये टॉयलेट है।”

ए राजा ने सनातन धर्म को HIV-कोढ़ जैसा बताया था
DMK सांसद ए राजा इससे पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने पिछले साल 6 सितंबर को चेन्नई में सनातन धर्म की तुलना HIV और कोढ़ से की थी। वे तमिलनाडु CM एम के स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी।

ए राजा ने कहा, “मलेरिया और डेंगू से न तो घृणा का भाव जुड़ा है और न ही इन्हें सामाजिक अपमान माना जाता था। हम कुष्ठ और HIV को घृणा की दृष्टि से देखते हैं। इसे (सनातन धर्म) भी एक ऐसी बीमारी के रूप में देखा जाना चाहिए। HIV और कोढ़ की तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।”

इससे पहले उदयनिधि ने सनातन धर्म को लेकर कहा था कि- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। सनातन धर्म जाति और भेदभाव पर आधारित है। इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।


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