12 देशों के 150 वैज्ञानिकों सहित 750 प्रतिभागी करेगें शिरकत
उदयपुर, 7, मार्च। पेसिफिक यूनिवर्सिटी उदयपुर, हंसराज कॉलेज-दिल्ली विश्वविद्यालय, मेयो क्लिनिक अमेरिका, हिट्रोकेम इनोटेक प्रा. लि. तथा पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी उदयपुर के द्वारा संयुक्त रूप से एकीकृत रसायन विज्ञान, बायोलॉजी और ट्रांसलेशनल मेडिसिन पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। 8, 9 और 10 मार्च को इस कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए डेढ़ सौ से अधिक विदेशी तथा 600 से अधिक भारतीय शिक्षाविद, शोधकत्र्ता और वैज्ञानिक आएंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोन्धित करते हुए चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में अमेरिका, ब्राजील, रूस, हंगरी, जर्मनी, फ्रांस, चेक गणराज्य, साउथ अफ्रीका, सिंगापुर, घाना और मलेशिया से विभिन्न शिक्षाविद, वैज्ञानिक, चिकित्सक, फार्मासिस्ट एवं शोधकर्ता इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे साथ ही अपने शोध पत्रों को भी प्रस्तुत करेंगे। यह उदयपुर के लिए के लिए एक गौरव का विषय है। कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी शोधकत्र्ताओं को प्रोत्साहित करेंगे। इस अवसर 7 मार्च को प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने प्रभावी प्रस्तुतीकरण तथा बायोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की जानकारी दी। इस कांफ्रेंस के दौरान पेसिफिक यूनिवर्सिटी उदयपुर तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के बीच में मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेंडिंग (समझौता हस्ताक्षर) पर हस्ताक्षर होंगे जिसके तहत पेसिफिक विश्वविद्यालय तथा डीयू के विद्यार्थी भविष्य में कई साझा अकादमिक आयोजन करेंगे। कई कॉन्फ्रेंस व सेमिनार के माध्यम से दोनों यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों व विद्यार्थियों को उच्च अकादमिक लाभ होगा और उनके शोध की गुणवत्ता का स्तर बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त पेसिफिक यूनिवर्सिटी तथा यूनिवर्सिटी आॅफ डेबरीसेन हंगरी के बीच लेटर आफ इंटेंट पर भी हस्ताक्षर होंगे इसके तहत दोनों विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी तथा फैकेल्टी एक दूसरे के यहां जाकर अपने अनुभव अर्जित करेंगे। शोध के क्षेत्र में विशेष ध्यान देते हुए रिसर्च स्कॉलर्स को साझा शोध कार्य करवाए जाएंगे। फार्मेसी और मेडिकल साइंस के विद्यार्थियों के लिए ड्रग डिस्कवरी पर विशेष आयोजन नियमित रूप से होंगे।
कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन 8 मार्च को पेसिफिक विश्वविद्यालय के सभागार में मुख्य अतिथि दिल्ली वि.वि. के डीन आॅफ काॅलेजेस प्रो. बलराम पाणी करेंगे। गेस्ट आॅफ आॅनर युनेस्को एम.जी.आई.पी. के चेयरमेन प्रो. बी.पी.शर्मा, विषिष्ट अतिथि हंसराज काॅलेज दिल्ली की प्रिंसिपल प्रो. रमा तथा सिंगापुर एम.आई.टी. के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो. जूलियन लेसकर शोधार्थियों को संबोधित करेंगे।
कॉन्फ्रेंस कन्वीनर डाॅ. बृजेश राठी ने जोर देते हुए कहा कि तीन दिवसीय इस कॉन्फ्रेंस में प्रतिदिन तीन तकनीकी सत्रों का एक साथ आयोजन किया जाएगा जिन्हें युवा अनुसंधानकत्र्ताओं और वैज्ञानिकों के बीच जागरूकता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। विश्व में चिकित्सा सेवाओं में अग्रणी मेयो क्लिनिक भी पेसिफिक विश्वविद्यालय के साथ मिलकर चिकित्सा और फार्मेसी के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना करेगा। मेयो क्लिनिक फ्लोरिडा यूएसए से रोहित चिताले एक सेशन लेंगे जो इस कांफ्रेंस के भी सह आयोजक भी हैं। यह कॉन्फ्रेंस शिक्षकों, मेडिकल प्रैक्टिशनर व विद्यार्थियों के लिए एक बहुत बड़ा सीखने का अवसर होगा।
प्रेस वार्ता के दौरान प्रोफेसर राठी ने बताया की मेट्रो सिटीज में कोविड के बाद मस्कुलर डिस्ट्रॉफी व लंग्स से संबंधित अनेक बीमारियां हो रही है उनके निदान हेतु मेयो क्लीनिक फ्लोरिडा यूएसए के इम्यूनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर रवि दुर्वासूला और डॉ. प्रकाश लॉन्ग कॉविड-19 सिंड्रोम पर अपना विशेष व्याख्यान देंगे। जिसमें नवीनतम उपचार व उसके लंबे प्रभावों पर चर्चा इस सेशन में रहेगी।
पेसिफिक ग्रुप आॅफ एजुकेशन के सी.ई.ओ. शरद कोठारी के अनुसार कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न नेचुरल एंटीबायोटिक पर किए गए समसामयिक शोध कार्यों पर चर्चा होगी साथ ही एंटी मलेरिया से संबंधित नवीन कारगर दवाओं पर भी परिचर्चा होगी। इसके साथ ही न्यूरो केमिस्ट्री में आधुनिक शोध एवं नवाचार पर विचार गोष्ठी होगी। कोविड के उपरांत इम्यून सिस्टम में हुए परिवर्तनों पर भी विचार मंथन होगा।
पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रोफेसर के. के. दवे ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नई औषधियों और रेडियोफार्मास्यूटिकल्स के खोज और विकास में अग्रसर होना है, जिससे संक्रामक रोगों, स्नायु विकारों और कैंसर के उपचार में सहायता मिले। सम्मेलन का उद्देश्य वैज्ञानिकों, पेशेवरों और चिकित्सकों के बीच पारदर्शी सहयोग को बढ़ावा देना है ताकि जनस्वास्थ्य में सुधार हो सके।
डीन पीजी स्टडीज प्रो. हेमंत कोठारी ने जानकारी दी कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान एस. रावत इस कांफ्रेंस में पार्किंसन रोग तथा उसके निदान संबंधी नवीन शोध कार्यों पर अपने ज्वलंत विचार प्रस्तुत करेंगे। कॉन्फ्रेंस का एक बड़ा आकर्षण इसमें आयोजित होने वाली पोस्टर प्रदर्शनी है जिसके माध्यम से मेडिकल के जटिल विषयों को सहज व सरल रूप से समझाया जाएगा। उदयपुर संभाग में इस तरह की यह पहली कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें की इतनी गहनता पूर्वक जीव विज्ञान, केमिस्ट्री और ट्रांसलेशनल मेडिसिन पर विश्व स्तरीय चर्चा होगी।
इस कॉन्फ्रेंस के अंदर बेस्ट पोस्टर प्रेजेंटेशन के लिए 20 अवार्ड, बेस्ट ओरल प्रेजेंटेशन के लिए 10 पुरस्कार, यंग साइंटिस्ट अवार्ड तथा इसी प्रकार के अनेकों अवार्ड कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह में दिए जाएंगे।
सत्र के दौरान पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अतुलाभ वाजपेयी एवं मनोचिकित्सा विभाग के डाॅ. एस.जी. मेहता एवं डाॅ. दीपक सालवी स्ट्रेस मैनेजमेंट इन साइकोमेट्रिक डिसऑर्डर पर विशेष चर्चा करेंगे।
कॉन्फ्रेंस में दिल्ली वि.वि., जे.एन.यू विश्वविद्यालय, रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च आई.सी.एम.आर, यूनिवर्सिटी आॅफ क्वाजुलू-नेटल साउथ अफ्रीका, यूनिवर्सिटी आॅफ डेबरीसेन हंगरी, आईआईटी हैदराबाद, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल दिल्ली, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल उदयपुर, पांडिचेरी यूनिवर्सिटी, पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, फैकल्टी ऑफ फार्मेसी पेसिफिक विश्वविद्यालय, कुमाऊ यूनिवर्सिटी नैनीताल, इत्यादि के प्रोफेसर अपने विचार रखेंगें। कॉन्फ्रेंस के अंतर्गत दवाईयों की खोज में नई चुनौतियां एवं अवसरों पर भी पैनल डिस्कशन होगा। समापन समारोह में रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार डाॅ. सतीष जी. रेड्डी भी अपने विचार रखेंगे।
सभी आगंतुको के रहने-खाने की उत्तम व्यवस्था पेसिफिक यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में की गई है। इस आयोजन से विश्वविद्यालय ही नहीं अपितु पूरे संभाग के विभिन्न विज्ञान एवं चिकित्सा में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को ज्ञान अर्जन का बड़ा अवसर मिलेगा।