चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की; 6 साल पहले टूटा था गठबंधन
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा अपने पुराने सहयोगियों को NDA में मिलाने की कोशिश में जुट गई है। नीतीश कुमार की JDU के बाद ओडिशा में BJD के साथ भाजपा की बातचीत चल रही है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) भी NDA में जल्द ही शामिल हो सकती है।
अलायंस को लेकर गुरुवार (7 मार्च) को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मीटिंग में आंध्र प्रदेश में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई है। इस मीटिंग में आंध्र प्रदेश की जनसेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण भी थे।
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक आज भी दिल्ली में भाजपा और TDP के नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा होनी है। 2-3 दिन में अलांयस का औपचारिक ऐलान भी हो सकता है। 2019 तक TDP भाजपा की अगुआई वाले गठबंधन NDA के सबसे महत्वपूर्ण घटक दलों में से एक था।
इसी बीच, TDP के सांसद के. रविंद्र कुमार ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा, TDP और जनसेना पार्टी ने आनेवाले चुनाव में साथ में काम करने का फैसला लिया है।
-6 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहती है भाजपा
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा चल रही है। आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें और 175 विधानसभा सीटें हैं। भाजपा चाहती है कि 8-10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन अगर पवन कल्याण की जन सेना पार्टी भी NDA में शामिल होती है तो 5-6 सीटें भी भाजपा अपने पक्ष में ले सकती है।
JSP पहले ही TDP के साथ गठबंधन कर चुकी है। उसे TDP ने तीन लोकसभा सीटें और 24 विधानसभा सीटें दी गई हैं। भाजपा चाहती है कि वाइजैग, विजयवाड़ा, अराकु, राजामपेट, राजमुंद्री, तिरुपति जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर चुनाव लड़े।
2019 में क्यों टूटा था गठबंधन?
TDP ने 2019 चुनावों से पहले NDA गठबंधन से अपना नाम वापस ले लिया था। आंध्र प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से नाराज चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार से नाम वापस ले लिया था। उन्होंने गठबंधन से नाम वापस लेते हुए कहा था कि हमारा फैसला बिल्कुल सही है।
केंद्र सरकार ने आंध्र के लिए अपने वादे पूरे नहीं किए। हम बजट सत्र की शुरुआत से ही संसद में मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, पर अब तक कोई जवाब नहीं मिला।
उन्होंने आगे कहा- ‘TDP और आंध्र सरकार ने 4 साल तक धैर्य रखा। मैंने सभी तरीकों से केंद्र सरकार को समझाने की कोशिश की। इसके लिए सीनियर नेताओं से मुलाकात की। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की कोशिश की, ताकि उन्हें अपने फैसले के बारे में बता सकूं, लेकिन केंद्र कुछ भी सुनने के मूड में नहीं है। मुझे पता नहीं कि आखिर हमसे क्या गलती हुई, क्यों वो (केंद्र) ऐसी बातें बोल रहे हैं?’