हर्निया का ऑपरेशन करवाने के लिए हॉस्पिटल में करवाया था भर्ती
इंजेक्शन लगाने से 22 माह के मासूम की मौत हो गई, परिजनों ने हर्निया का ऑपरेशन कराने के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया था। ऑपरेशन से पहले मासूम को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद बच्चा अचेत हो गया। शुक्रवार को जयपुर में इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई। घटना भरतपुर शहर के गोविंद गुप्ता हॉस्पिटल की है। परिजनों ने शुक्रवार को मथुरा गेट थाने में हॉस्पिटल के मालिक डॉ. गोविंद गुप्ता के खिलाफ गलत इंजेक्शन लगाने का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने शनिवार को आरबीएम अस्पताल में बच्चे का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
मथुरा गेट थाना अधिकारी करण सिंह राठौड़ ने बताया कि हरी सिंह निवासी कौंथरा जिला मथुरा (यूपी) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसमें बताया कि मेरे छोटे भाई अजीत के 22 महीने के बेटे कान्हा का पिछले 6 माह से प्राइवेट पार्ट भारी हो जाता था। जांच कराने पर डॉक्टरों ने हर्निया बताया। मैं अपने भाई अजीत के साथ 5 मार्च को कान्हा के हर्निया का ऑपरेशन करवाने के लिए भरतपुर आया। शहर के गोविंद गुप्ता हॉस्पिटल में कान्हा को भर्ती करवाया। ऑपरेशन से पहले हॉस्पिटल में 5 हजार रुपए जमा करवाया गया। शाम पांच बजे कान्हा को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। मैं ऑपरेशन थिएटर के अंदर देख रहा था। डॉक्टर ने कान्हा को बेहोश करने के लिए पहले हाथ में इसके बाद रीढ़ की हड्डी में इंजेक्शन लगाया। रीढ़ की हड्डी के पास इंजेक्शन लगते ही, कान्हा की आंखें खुली की खुली रह गईं। ऑपरेशन थिएटर के अंदर स्टाफ बच्चे के सीने को दबा रहे थे। इसके बाद डॉक्टर ने बाहर आकर बताया कि बच्चे का माइंड काम करना बंद कर दिया है। इसे तुरंत जयपुर लेकर जाओ। बच्चे को जयपुर लेकर गए।
परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन से कान्हा की मौत हुई है। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जयपुर में बताया- बच्चा ब्रेनडेड हो गया है
कान्हा को जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने बताया की, बच्चा ब्रेनडेड हो चुका है। बचने की संभावना बहुत कम है। शुक्रवार दोपहर में कान्हा की मौत हो गई। रात 9 बजे भरतपुर के आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में शव को रखवा दिया गया।