वे राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति कर रहीं, उन्हें घुसपैठियों और शरणार्थियों का अंतर नहीं पता
गृह मंत्री अमित शाह ने सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट (CAA) पर चल रही पॉलिटिक्स पर बात रखी। शाह ने CAA का विरोध कर रही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर कहा कि उन्हें शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच अंतर नहीं पता।
न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में गृह मंत्री ने कहा, ‘मैं ममता बनर्जी से अपील करता हूं कि राजनीति करने के लिए कई और मुद्दे भी हैं। कृपया बांग्लादेश से आने वाले बंगाली हिंदुओं का विरोध न करें। आप भी एक बंगाली हैं।’
ममता बनर्जी ने कहा था कि वो CAA को लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने बंगाल के लोगों से भी अपील की कि सिटिजनशिप के लिए अप्लाय ना करें। ऐसा करने से वे अवैध प्रवासियों की लिस्ट में आ जाएंगे और उनके अधिकार छीन लिए जाएंगे।
CAA पर शाह के इंटरव्यू की मुख्य बातें…
1. ममता बनर्जी को चैलेंज करता हूं
शाह ने कहा, ‘ममता बनर्जी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं और लोग उनका साथ नहीं देंगे। मैं ममता बनर्जी को चैलेंज करता हूं कि वे बताएं इस एक्ट का कौन सा नियम किसी की नागरिकता छीन रहा है। वो सिर्फ वोट बैंक के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच दूरी और डर बना रही हैं।’
2. CAA पर कांग्रेस का पक्ष साफ करें राहुल
मैं राहुल से कहना चाहता हूं कि वे पब्लिक प्लेटफॉर्म पर आएं और बताएं कि उन्हें और उनकी पार्टी को CAA से क्या परेशानी है। वे क्यों इसका विरोध कर रहे हैं। राजनीति में आपको अपने फैसलों के पीछे का कारण बताना पड़ता है। अगर CAA मेरी सरकार का फैसला है तो मुझे बताना होगा कि मेरी पार्टी का इस पर क्या स्टैंड है और ये देशहित में कैसे है। ऐसे ही आपको अपने विरोध का कारण बताना चाहिए।
3. केजरीवाल रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते
AAP लीडर और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि ये कानून शरणार्थियों को नागरिकता देगा। ये खतरनाक है। लॉ एंड ऑर्डर बिगडे़गा। लूट और चोरियां बढ़ेंगी। शाह ने इस पर कहा, ‘केजरीवाल को यह नहीं पता कि ये लोग पहले ही हमारे देश में शरणार्थी हैं। ये भारत में रह रहे हैं। ये वो लोग हैं, जो 2014 से पहले से यहां रह रहे हैं और ऐसे ही लोगों को नागरिकता मिलेगी।
और अगर केजरीवाल इतने ही परेशान हैं तो वो बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते हैं। रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते। क्या वो लोग हमारे रोजगार नहीं ले रहे हैं? केजरीवाल केवल जैन, बौद्ध और पारसी अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं। विभाजन के बाद ये लोग लाखों की संपत्ति छोड़कर यहां आए हैं। हम उनकी समस्याएं क्यों नहीं सुनेंगे?’
4. नागरिकता का वादा कांग्रेस ने किया था
शाह ने कहा, ‘जो लोग भारत आए हैं, उन्होंने देश के विभाजन का फैसला नहीं लिया था। ये कांग्रेस का फैसला था। कांग्रेस ने उन लोगों से नागरिकता का वादा किया था। अब वो अपने वादे से पीछे हट रही है।’
5. भारत में अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं
AIMIM लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने CAA को एंटी मुस्लिम कहा है। इस पर गृह मंत्री ने कहा, ‘यह भारतीय जनता पार्टी का कोई राजनीतिक खेल नहीं है। हमारे नेता मोदीजी और हमारी सरकार का दायित्व है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए लोगों को बराबर अधिकार दें।
ऐसे लोग हमारे देश में शरणार्थियों की तरह रह रहे हैं। यह उन्हें उन अधिकारों को देने का मुद्दा है, जो उनकी तीन पीढ़ियों से छीन लिए गए। हाल में मैं 41 बार बोल चुका हूं कि भारत में अल्पसंख्यकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। ये कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है।’