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शाही बंदूकों और गार्ड संग निकली बूढ़ी गणगौर की सवारी


राजसी ठाठ-बाट के साथ निकली माता, आज नहीं की जाती है पूजा

जयपुर में आज बूढ़ी गणगौर की सवारी निकाली गई। देश-विदेश से लोग बूढ़ी गणगौर माता की सवारी देखने के लिए जयपुर पहुंचे। दरअसल, गणगौर के अगले दिन बूढ़ी गणगौर की सवारी निकाली जाती है। इसके बाद आज गणगौर फेस्टिवल का समापन हो गया।

इससे पहले गुरुवार को गणगौर की सवारी निकाली गई थी। इस दौरान जयपुर पूर्व राजपरिवार की गौरवी कुमारी ने सिटी पैलेस स्थित जनाना डयोढ़ी में माता की पूजा की। इसके बाद त्रिपोलिया गेट पर पद्मनाभ सिंह ने पूजा की।

आज दूसरे दिन भी जनानी ड्योढ़ी से बूढ़ी गणगौर की शाही सवारी चांदी की पालकी में निकली। जो त्रिपोलिया गेट से निकलकर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचती है। सवारी के दौरान ऊंट पर लगी शाही बंदूक और शाही गार्ड तैनात रहे। साथ ही कलाकार कालबेलिया, कच्छी घोड़ी, चकरी, गेर जैसे फोक डांस करते हुए नजर आए।

टूरिज्म डिपार्टमेंट के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- बूढ़ी गणगौर की सवारी आज निकाली जाएगी। दरअसल, पहले दिन गणगौर की सवारी धूमधाम से पूजा के बाद निकाली जाती है। वहीं, बूढ़ी गणगौर बिना पूजा के निकाली जाती है। धूमधाम बिल्कुल पहले दिन जैसी ही होती है।

प्रदेशभर से आए कलाकार

इस यात्रा को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रदेशभर से लोक कलाकार भी आमंत्रित किए गए हैं, जो अपनी प्रस्तुतियां देते हुए जुलूस के साथ में चलेंगे। लोक कलाकारों की ओर से कच्ची घोड़ी, अलगोजावादन, कालबेलिया नृत्य, बहरूपिया कला प्रदर्शन, बाड़मेर के कलाकार गैर- आंगी व सफेद गैर, किशनगढ़ के कलाकार घूमर व चरी नृत्य, शेखावाटी के लोक कलाकार चंग व ढ़प, बीकानेर के कलाकारों की ओर से पद दंगल, मश्कवादन आदि की प्रस्तुतियां दी जाएगी।


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