लोकसभा चुनाव से पहले CAA; मुस्लिम बोले- NRC लाकर हमारे अधिकार छीनेंगे
तारीख 23 अप्रैल 2019, लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग का दिन। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- ‘आप क्रोनोलॉजी समझ लीजिए। पहले CAA (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) आने जा रहा है, फिर NRC आएगा। NRC सिर्फ बंगाल के लिए नहीं, पूरे देश के लिए आएगा।’
तारीख 22 दिसंबर 2019, जगह दिल्ली का रामलीला मैदान। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ‘अर्बन नक्सल अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा। यह झूठ है, झूठ है, झूठ है… 2014 से मेरी सरकार आने के बाद NRC शब्द की कोई चर्चा नहीं हुई है।
तारीख 11 मार्च 2024, लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पांच दिन पहले। शाम 5 बजे खबर फ्लैश हुई कि प्रधानमंत्री मोदी नेशनल टेलीविजन पर कुछ बड़ा ऐलान करने वाले हैं। करीब 6 बजे ब्रेकिंग खबर फ्लैश हुई- ‘केंद्र सरकार ने CAA की अधिसूचना जारी कर दी है।’
CAA लागू करके BJP ने अपना बड़ा वादा पूरा कर लिया। अब अगला वादा NRC का है, जिस पर फिलहाल BJP चुप है, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि CAA और NRC एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यहीं डर मुसलमानों को भी है। NRC लिस्ट में नाम नहीं होने के बाद भी हिंदू तो CAA के जरिए भारत के नागरिक बन जाएंगे, लेकिन मुस्लिमों की नागरिकता छिन जाएगी। वोट देने का अधिकार नहीं बचेगा।
1970 के दशक की बात है। पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में रिफ्यूजी भारत आए, खास करके असम और पश्चिम बंगाल में। इसी बीच 1978 में असम की मंगलदोई लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए। इसमें देखा गया कि अचानक वोटर्स की संख्या बढ़ गई।
The All-Assam Students Union यानी AASU ने कहा कि बांग्लादेश से भागकर आए अवैध प्रवासियों की वजह से ऐसा हुआ है। AASU ने इन लोगों को बांग्लादेश भेजने की मांग की, पर केंद्र सरकार तैयार नहीं हुई।
चार साल बाद यानी 1983 में असम में विधानसभा चुनाव हुए। AASU ने जबरदस्त विरोध किया और यह चुनाव हिंसा की भेंट चढ़ गया। ORF वेबसाइट के मुताबिक तब 2 हजार से ज्यादा बांग्लादेशी प्रवासी मारे गए थे।
बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर चुनाव में उतरी BJP, पहली बार दिल्ली विधानसभा में बहुमत
साल 1993, दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने थे। ये वो दौर था जब देश में हिंदुत्व का मुद्दा उफान पर था। शाहबानो केस के बाद राजीव गांधी की सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों से घिरी थी। बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया जा चुका था। ऐसे में BJP ने वादा किया कि हमारी सरकार बनी तो ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’ को वापस भेजेंगे।