पानी को प्रदूषण से बचाने को लेकर पहल, पहले फेज में पहुंची तीन बोट
उदयपुर में पिछोला झील में अब इलेक्ट्रॉनिक नाव शुरू की जा रही है। इसके लिए पहले फेज में तीन बोट पहुंच चुकी है और 13 बोट और आएगी। बोट के संचालन से झीलों को प्रदूषण से बचाने में अहम रोल होगा। दूधतलाई के पास से पिछोला झील में फिलहाल 50 से ज्यादा नावों का संचालन हो रहा है। यह सभी पेट्रोल से चलने वाली है। झील प्रेमियों ने कई बार यह बात उठाई कि इसी झील से शहर में जलापूर्ति होती है। ऐसे में इस पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सबसे पहले यहां पेट्रोल से चलने वाली नावों को बंद किया जाए।
कंपनी के प्रतिनिधियों ने किया ट्रायल
चौधरी ने बताया कि रविवार को मुंबई में नाव तैयार करने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों ने ट्रायल किया। उन्होंने बताया कि अब परिवहन विभाग से जो भी प्रक्रिया है उसे पूरे कराने के बाद इन नावों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। झीलों को प्रदूषण से बचाने के लिए हाइकोर्ट की सख्ती के बाद निगम ने बैटरी से संचालित इको फ्रेंडली नावों के संचालन का ही ठेका किया था जिसे ध्यान में रखते हुए ठेका कम्पनी ने ये बोट मंगवाईं है।
इको फ्रेंडली नाव का होगा संचालन
नाव संचालन करने वाली फर्म को नगर निगम ने इको फ्रेंडली नावों के संचालन करने के लिए कहा। इस पर काम शुरू हुआ और पहले चरण में तीन नावे तैयार होकर आ गई। नगर निगम की गैरेज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि झील को प्रदूषण से बचाने के लिए नगर निगम ने इलेक्ट्रिक बोट के लिए प्रयास शुरू किया और अब तीन नाव आ चुकी है। 13 नाव और तैयार होकर आएगी।