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सभी चिकित्सा संस्थानों पर लू


ताप घात के मरीजों के लिए चिकित्सा विभाग विशेष व्यवस्थाएं करें – जिला कलक्टर

सिकल सेल एनिमीया और हीट वेव को लेकर आज चिकित्सा विभाग द्वारा जिला कलक्टर महोदय की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें जिला कलक्टर महोदय ने निर्देश दिए कि सभी चिकित्सा संस्थानों पर हीट वेव से बचाव हेतु व्यापक व्यवस्था की जाए और चिकित्सा संस्थानों पर अलग से वार्ड रखें जिसमें गर्मी से बचाव हेतु कुलर, पंखे,ए सी और इमरजेंसी की व्यवस्था उपलब्ध हो।
उदयपुर जिले की सिकल सेल एनिमीया की जांच की प्रगति पर समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थान पर सीएचओ, एएनएम और आशाओं को लक्ष्य निर्धारित कर शेष बचे हुए लोगों की शीघ्र जांचे की जाएं।

बैठक में कलेक्टर महोदय के साथ सीईओ महोदया कीर्ति राठौड़, सीएमएचओ डॉ शंकर एच बामनिया, सीएमएचओ द्वितीय डॉ सैयद, डिप्टी सीएमएचओ प्रथम और द्वितीय,अति.सीएमएचओ, आरसीएचओ, एसएमओ डब्ल्यू एच ओ,एनसीडी नोडल, बीसीएमओ ,सीएचसी इंचार्ज , बीपीएम और स्वास्थ्य भवन के अधिकारियों ने भाग लिया।

सीईओ कीर्ति राठौड़ ने बताया कि सिकल सेल एनिमीया की जांच के लिए आंगनवाड़ी केन्द्र पर या पंचायत स्तर पर केम्प का आयोजन करना पड़े तो दूसरे विभागों से समन्वय कर सहयोग लिया जा सकता है।इसी प्रकार हीट वेव से बचाव हेतु नरेगा में कार्यरत लोगों को जागरूक करने में या किसी बड़े स्तर के सामाजिक आयोजनों में भी अन्य विभागों की सहायता ली जा सकती है।

सीएमएचओ डॉ बामनिया ने बताया कि सिकल सेल एनिमीया प्रधानमंत्री के फ्लैगशिप योजना के अंतर्गत है और इसकी राष्ट्रीय स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। अतः उदयपुर जिले के ट्राइबल क्षेत्र जहां यह अधिक पाया जा सकता है उन क्षेत्रों के 0 से 40 वर्ष तक के सभी लोगों की जांच कर रिपोर्ट ऑनलाइन करें। जिले में 11 लाख 40 हजार लोगों की जांच का लक्ष्य है इसमें अभी तक 4 लाख 28 हजार लोगों की ही जांच हुई है, शेष 8 लाख लोगों की जांच के लिए जांच किट उपलब्ध है। टारगेट बनाकर इन लोगों की शीघ्र जांच कर ली जाएगी।

सीएमएचओ द्वितीय डॉ सैयद ने हीट वेव से बचाव हेतु जानकारी दी कि गर्मी को देखते हुए भोजन में तरल पदार्थो का अधिक सेवन करे। गर्मी में निकलने पर शरीर को पूरी तरह ढक कर निकले। तरबूज जैसे रसदार फलों का सेवन करें। सामुदायिक स्तर पर जहां अधिक संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं वह छाया और पीने के पानी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। चिकित्सा स्थान पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर आपातकालीन स्थिति होने पर तैयारी रखें।

डिप्टी सीएमएचओ डॉ अंकित जैन ने बताया कि सिकल सेल की जांच के लिए जितने जांच किट पहले प्राप्त हुए थे उनका उपयोग कर लिया गया था ।अभी 8 लाख जांच किट और प्राप्त हुए हैं जिन्हें ब्लॉक वाइज वितरित कर शीघ्र ही उपयोग में लिया जाएगा ।शेष बचे सभी व्यक्तियों की सिकल सेल जांच कर ली जाएगी। अभी हमारे 890 संस्थानों पर 1638 यूजर आईडी कार्ड हेल्थ वर्कर है जो फील्ड में जाकर सभी की जांच कर रहे हैं। आवश्यकता होने पर कैंप का आयोजन कर जांच की जाएगी। चिकित्सा संस्थानों पर आने वाले रोगियों की भी सिकल सेल जांच लैब में की जा रही है और रिपोर्ट को ऑनलाइन किया जा रहा है। पॉजिटिव आने वाले मरीज को उदयपुर रेफर किया जा रहा है और उनका फॉलोअप भी लिया जा रहा है। पॉजिटिव आने वाले मरीजों की विवाह संबंधित काउंसलिंग भी की जा रही है ताकि यह बीमारी आने वाली पीढ़ियों में ना पनप सके।


अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ रागिनी अग्रवाल ने ई केवाईसी आयुष्मान कार्ड बनाना और कार्ड वितरण करने संबंधी जानकारी दी। सभी संस्थाओं को कायाकल्प और एनक्यूएएस का फर्स्ट असेसमेंट करने के निर्देश दिए। जिला एनसीडी नोडल डॉ प्रणव भावसार ने गैर संचारी रोगों की जांच के लिए तीस वर्ष से अधिक सभी व्यक्तियों की जांच कर आभा आईडी बनाकर कर पोर्टल पर आन लाइन करने के बारे में बताया।


डॉ अक्षय व्यास ने बताया कि इस वर्ष टीकाकरण में उदयपुर ने 5% अधिक लक्ष्य प्राप्त किया है।ड्राप आउट भी कम हुए हैं।
आरसीएचओ डॉ गजानंद गुप्ता ने बताया कि मातृ मृत्यु दर कम हो इसके लिए हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनकी मोनिटरिंग की जाए। सीएमएचओ डॉ बामनिया ने कहा कि आई एच आई पी पोर्टल पर समम पर सभी सूचनाएं आन लाइन करें। जिले में चल रहे अपंजीकृत चिकित्सालयों की सूची बना कर जिला स्तर पर भेजें और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें।


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