एक ही सत्र में डी-फार्मेसी के फर्स्ट और सेकेंड ईयर में पढ़ा स्टूडेंट, दूसरे ने 12वीं से पहले कर लिया डिप्लोमा
राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में फर्जी दस्तावेजों से आंख मूंदकर रजिस्ट्रेशन हुए थे। इनमें ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्रियां भी शामिल थीं। चिकित्सा विभाग को जांच में 101 अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी मिले थे। इस पर विभाग ने अशोक नगर थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। काउंसिल के अधिकारियों ने मिलीभगत करके फर्जी दस्तावेजों के जरिए बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कर दिए। इस दौरान अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाती तो फर्जी दस्तावेज आसानी से पकड़ में आ सकते थे, लेकिन आंख मूंदकर जांच की गई। एक ऐसे अभ्यर्थी का काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन कर दिया जो एक ही साल में डी-फार्मेसी के प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष में पढ़ाई कर रहा था।
एक मामला स्टूडेंट को डी-फार्मेसी का डिप्लोमा पहले मिलने और 12वीं बाद में पास करने का सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों के मामले सामने आने के बाद सरकार ने अब यहां रजिस्ट्रार भी बदल दिया है। सरकार ने रजिस्ट्रार के पद पर नरेंद्र रैगर को नियुक्ति किया है।
सत्यापन नहीं, फिर भी रजिस्ट्रेशन
भावना भट्ट और आशीष शर्मा ने रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसिल में आवेदन किया। काउंसिल ने राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल जयपुर से दोनों अभ्यर्थियों की 12वीं की अंकतालिका के सत्यापन के लिए पुष्टि चाही तो बताया गया कि ये जारी नहीं हुई। इसके बाद भी काउंसिल ने दोनों छात्रों का रजिस्ट्रेशन कर दिया। भावना भट्ट का 63726 और आशीष शर्मा का रजिस्ट्रेशन नंबर 63725 है।
पुलिस जांच कर रही, जो दस्तावेज मांगेगी देंगे
राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार नरेंद्र रेगर ने बताया- फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्रेशन को लेकर पुलिस में मामला दर्ज है। पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने हमसे इससे संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मांगे हैं, जो भी मांगेगी, हम देने को तैयार हैं। जांच को प्रभावित नहीं होने देंगे।
पुलिस जांच कर रही, जो दस्तावेज मांगेगी देंगे
राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार नरेंद्र रेगर ने बताया- फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्रेशन को लेकर पुलिस में मामला दर्ज है। पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने हमसे इससे संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मांगे हैं, जो भी मांगेगी, हम देने को तैयार हैं। जांच को प्रभावित नहीं होने देंगे।