राज्यपाल कलराज मिश्र ने की शिरकत; गोस्वामी बोले- कृष्ण वंशी के अवतार थे श्रीहित हरिवंश महाप्रभु
आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर के सत्संग भवन में शुक्रवार को तीन दिवसीय गोस्वामी श्रीहित हरिवंश महाप्रभु का 551वां प्राकट्योत्सव का श्रीगणेश हुआ। शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज ने गोस्वामी श्रीहित हरिवंश महाप्रभु के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राधावल्लभ संप्रदायाचार्य छोटी सरकार गोस्वामी प्रेम कुमार महाराज, गोस्वामी हितेन्द्र कुमार महाराज और गोस्वामी प्रियांश महाराज के सान्निध्य में बधाइगान और उछाल हुई। प्रवचन के बाद महाप्रभु चरित्र लीला का श्रवण कराया गया। राधावल्लभ संप्रदायाचार्य छोटी सरकार गोस्वामी प्रेम कुमार महाराज ने प्रवचन में कहा कि गोस्वामी श्रीहित हरिवंश महाप्रभु राधावल्लभ संप्रदाय और वृंदावन प्राकट्यकर्ता, रासलीलानुकरण प्रवर्तक और कृष्ण वंशी के अवतार थे। वे एकमात्र ऐसे आचार्य थे जिन्हें ब्रज में जन्म लेने का सुवसर मिला। यह वह दौर था जब सनातन धर्म पर अनेक अत्याचार हो रहे थे। सनातन विखंडित हो रहा था। ऐसे दौर में गोस्वामी श्रीहित हरिवंश महाप्रभु ने प्रेम लक्षणा भक्ति का प्रचार करते हुए निकुंज सेवा को प्रकाशित किया।
राजेंद्र टांक,विष्णु टांक ने राज्यपाल को शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस अवसर पर अलबेली माधुरी शरण महाराज, बड़े भैया, त्यागी महाराज, डॉ. प्रशान्त शर्मा उपस्थित रहे और कलराज मिश्र राज्यपाल ने संतो के साथ दीप प्रज्वलित किया।