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राजस्थान में 4 जून के बाद बदलेगा ब्यूरोक्रेसी का चेहरा


नई तबादला नीति लागू होने से लेकर IAS-IPS और RAS काडर में होगा बड़ा बदलाव

राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में जून का महीना बड़े फैसलों वाला साबित होने वाला है। सबसे बड़ा फैसला तो यह है कि सरकार 4 जून को चुनावी नतीजों के बाद नई तबादला नीति लागू करने वाली है। पॉलिसी बनने और लागू होने का सरकारी तंत्र में लंबे अर्से से इंतजार किया जा रहा है। इस बार यह अंतिम चरण में है। जून में संभवत: लागू हो जाएगी। नई तबादला नीति के अलावा आईएएस, आईपीएस और आरएएस काडर में बड़ी तबादला सूचियां जारी होंगी। करीब 15 जिलों-संभाग मुख्यालयों के कलेक्टर और संभागीय आयुक्त बदले जा सकते हैं। इसके अलावा जून से लेकर अक्टूबर के बीच प्रदेश में सेवा देने वाले करीब 13 IAS अफसरों के रिटायरमेंट का दौर भी शुरू होगा। मंडे स्पेशल स्टोरी में पढ़िए- 4 जून के बाद प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में क्या-क्या बड़े बदलाव होने वाले हैं…

राजस्थान में नई तबादला नीति में क्या होगा?

केंद्र सरकार की तबादला नीति की तर्ज पर राजस्थान में भी तबादला नीति बनी है। लंबे अर्से से इसका इंतजार भी था। इस बार राज्य सरकार ने तबादला नीति के सभी पॉइंट्स पर काम कर लिया है। तबादला नीति के अभाव में सरकारी विभागों में मनचाहे तबादले, पदस्थापन, कार्य व्यवस्था के नाम पर तबादले, रिक्त पदों की समस्या, ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों में कार्मिकों का पदस्थापन नहीं होने की समस्याएं लगातार बनी रहती थीं। नई नीति के बाद ऐसी समस्याओं में कमी आएगी। राजनीतिक दखल भी कम हो सकेगा।

तबादलों पर राजस्थान में होती रही है सियासत

राजस्थान में सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के तबादलों को लेकर अक्सर सियासत होती रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 5 साल के पूरे कार्यकाल में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले ही नहीं हो पाए थे। एक बार बिड़ला सभागार में शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सैंकड़ों शिक्षकों के सामने मंच पर से ही सवाल पूछ लिया था कि क्या आपको तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं?


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