6 महीने से भी कम समय में 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा, 29 नवंबर 2023 को यह 4 ट्रिलियन डॉलर था
भारतीय शेयर मार्केट ने आज यानी 21 मई को पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 416 लाख करोड़) का आकड़ा छू लिया है। मार्केट ने यह उपलब्धि ऐसे समय में हासिल की है जब लोकसभा चुनाव के चलते फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) भारत के मार्केट से अपना पैसा निकाल रहे हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड सभी कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप दिन के कारोबार के दौरान 416 लाख करोड़ तक बढ़ गया। 29 नवंबर 2023 को 4 ट्रिलियन डॉलर से 21 मई को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में दलाल स्ट्रीट को 6 महीने से भी कम समय लगा। हांगकांग, जापान, चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनियाभर में पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार है।
चुनाव नतीजों के बाद शेयर बाजार में तेजी आएगी
हाल ही में NDTV को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि “चुनावी हफ्ते” के दौरान, या जिस हफ्ते लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होते हैं, बाजार का प्रदर्शन दिखाएगा कि कौन सत्ता में वापस आ रहा है। PM मोदी ने आगे कहा कि 10 साल पहले जब हमारी सरकार आई, तो बाजार 25,000 (सेंसेक्स) पर था और अब 75,000 पर है। PSU बैंकों को देखें, उनके शेयरों की वैल्यू बढ़ रही है। कई सरकारी कंपनियों के शेयर पिछले दो साल में 10 गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। PM मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।
मार्केट-कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसमे निवेश करना उतना ही सुरक्षित माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती हैं। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।