वनकर्मी ने कार की डिग्गी में डाला, चलती गाड़ी में तेंदुए ने चबाया हाथ
राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में लगातार लेपर्ड के हमलों के केस सामने आ रहे हैं। नया मामला भीलवाड़ा जिले का है। यहां एक गांव में लेपर्ड ने हमला किया तो ग्रामीणों ने उसे पकड़कर उसके पैर बांध दिए और वन विभाग को सूचना दी।लेपर्ड को पकड़ने पहुंची टीम उसे प्राइवेट कार से ही वन नाका ले गई। रास्ते में लेपर्ड ने कार में फॉरेस्टर पर हमला कर दिया और उसका हाथ चबा गया। इसके बाद उस पर बमुश्किल काबू पाया गया। इलाज के दौरान बिजौलिया वन नाका में एक साल की मादा लेपर्ड की मौत हो गई। इस पूरे रेस्क्यू पर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्यों टीम बिना किसी तैयारी के रेस्क्यू करने पहुंची। मादा लेपर्ड की मौत का सही कारण भी सामने नहीं आया है।
मांडलगढ़ (भीलवाड़ा) के रेंजर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि कास्यां गांव में शुक्रवार शाम 7 बजे लेपर्ड के हमले की जानकारी मिली थी। एक साल की मादा लेपर्ड ने यहां गांव के संजय धाकड़ और महेंद्र रैगर को घायल कर दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने लेपर्ड को पकड़कर उसके पैर बांध दिए।
लेपर्ड के हमले में घायल महेंद्र रैगर ने बताया कि गांव के मोक्ष धाम के पास शाम 6 बजे के करीब लेपर्ड दिखाई दिया। वह पुलिया के नीचे छुपा था। लेपर्ड ने मेरे साथ खड़े 8-10 लोगों के बीच में से अचानक देवीनिवास निवासी संजय का पैर पकड़ लिया।
लेपर्ड ने अपने दांत उसके पांव (जांघ) में गड़ा दिए और वह नीचे गिर गया। संजय की जान को खतरे में देखकर मैंने तुरंत लेपर्ड की गर्दन पकड़ ली। वनकर्मी करीब आधे घंटे बाद पहुंचे और उसे अपनी कार में डालकर बिजौलिया की तरफ ले गए।
साल 2023 में करीब 100 लेपर्ड की हुई थी मौत
राजस्थान में जयपुर, अलवर, सीकर, भरतपुर, करौली, बूंदी, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर, पाली, सिरोही, जालोर, डूंगरपुर, झुंझुनूं, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, कोटा, झालावाड़, बारां, टोंक और दौसा जिलों में लेपर्ड की मौजूदगी है।
इनके अलावा बाड़मेर और जोधपुर में कभी-कभी अजमेर, पाली, राजसमंद, सिरोही के जंगलों से लेपर्ड का मूवमेंट होता है। राजस्थान में बीते दो साल लेपर्ड के हमले और उनकी मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया (WPSI) के आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में राजस्थान में करीब 100 लेपर्ड की मौत हुई थी।