गर्लफ्रेंड को जंगल ले गया, गला रेत दिया; एक साल पहले बेटे को पटककर मारा था
उदयपुर में 17 अप्रैल को एक महिला के ब्लांड मर्डर केस को पुलिस ने सुलझा दिया। मर्डर के पीछे का सच दहलाने वाला है। महिला शादीशुदा थी और उसका पति उसे छोड़कर किसी और महिला के साथ चला गया था। इसके बाद महिला की दोस्ती जिस शख्स से हुई, उसने पहले महिला के 4 साल के बेटे का मर्डर किया। फिर एक साल बाद महिला की भी बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी ने पत्नी का विश्वास जीतने के लिए यह सब किया। पुलिस ने आरोपी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। मामला उदयपुर के फलासिया थाना इलाके का है। मर्डर केस का खुलासा रविवार को फलासिया थाना पुलिस ने किया।
देवीलाल गांव आया तो सीता भी पहुंच गई
इसी साल 4 अप्रैल को देवीलाल अहमदाबाद से अपने गांव धनकावाड़ा आया। उसके पीछे दो दिन बाद 6 अप्रैल को सीता भी धनकावाड़ा पहुंच गई। देवीलाल उसे लेकर अपने गांव में ही एक निर्माणाधीन मकान में तीन-चार दिन रुका। इसके बाद अहमदाबाद ले गया।
देवीलाल और सीता के प्यार के बारे में देवीलाल की पत्नी भावना (28) को पता चल गया। उसने हंगामा खड़ा कर दिया। कहा कि चैन से जीना है तो सीता या भावना में से किसी एक को चुने। देवीलाल ने पत्नी से कहा कि वह भी सीता से पीछा छुड़ाना चाहता है। लेकिन सीता बेटे के मर्डर के आरोप में फंसाने की धमकी देती है। ऐसे में कुछ कर नहीं पा रहा है। इसके बाद देवीलाल और उसकी पत्नी भावना ने मिलकर सीता के मर्डर का प्लान बनाया।
मर्डर का प्लान बनाया, बोला- बुआ के घर लेकर चलूंगा
16 अप्रैल की शाम देवीलाल ने सीता से कहा कि तुम्हें अपनी बुआ के घर लेकर चलता हूं। वह सीता को बाइक से अहमदाबाद लेकर आया। उसने अहमदाबाद से एक ठेले से धारदार चाकू खरीदा था। रास्ते में ही सीता के मर्डर का प्लान था। अहमदाबाद से बाइक पर निकलने के बाद दोनों मादड़ी कस्बे में रुके। वहां एक जगह शराब पी। इसके बाद बाइक से उमरिया के जंगल एरिया में पहुंच गए।
उमरिया पहुंचने के बाद देवीलाल ने सीता से कहा कि वह कुछ देर आराम करना चाहता है। बाइक रोककर देवीलाल सीता को सुनसान जगह ले गया। उसने लेटने का नाटक किया। सीता भी एक पत्थर पर सुस्ताने लगी। इसी दौरान देवीलाल ने धारदार चाकू निकाला और सीता का गला काट दिया। सीता के दाएं हाथ पर उसका नाम गोदा हुआ था। देवीलाल ने पहचान छुपाने के लिए उसके हाथ की चमड़ी काटी और पास के तालाब में फेंक आया।
अहमदाबाद में हुई सीता-देवीलाल की मुलाकात
फलासिया थाना इंचार्ज सीताराम ने बताया- सेमारी थाना इलाके के धनकावाड़ा गांव का रहने वाला देवीलाल परमार (30) पुत्र मनजी परमार अहमदाबाद में सिद्धि ऑयल कंपनी में मजदूर ठेकेदार था। वह वहां 3 साल से काम कर रहा था। उसकी जान पहचान वहीं सीता (30) नाम की महिला से हुई। सीता मध्यप्रदेश के रीवा जिले के रेही थाना इलाके की रहने वाली थी। देवीलाल और सीता दोनों शादीशुदा थे।
सीता का पति इंद्रभान कोल अहमदाबाद में ही मजदूरी करता था। दो साल पहले वह एक दूसरी महिला के साथ चला गया था। साथ में सीता की 9 साल की बेटी अंजना को भी ले गया था। सीता के पास 4 साल का बेटा दादू था। इसके बाद सीता और देवीलाल की नजदीकियां बढ़ीं। दोनों लिवइन में साथ रहने लगे। लेकिन देवीलाल दादू से नफरत करता था। एक साल पहले शराब के नशे में उसने दादू को फर्श पर पटक कर मार डाला। सीता ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन से झूठ बोलकर प्रेमी देवीलाल को बचा लिया।