मुझे गंदी नाली का कीड़ा कहा गया, अब मैं गाली प्रूफ बन गया हूं
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव से पहले PM मोदी ने पश्चिम बंगाल में TMC के शासन को लेकर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि TMC बंगाल में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। मोदी ने न्यूज एजेंसी ANI से इंटरव्यू के दौरान कहा- पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में हमारे 3 विधायक थे। इसके बाद बंगाल की जनता ने हमें 80 विधायकों तक पहुंचा दिया। TMC के लोग बौखलाए हुए हैं। वहां लगातार हत्याएं हो रही हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव के पहले जेलों में बंद किया जा रहा है। PM मोदी ने चुनावी रैली में विपक्ष की भाषा को लेकर कहा- विपक्ष के नेता मुझे गाली देते हैं। मुझे ‘मौत का सौदागर’ और ‘गंदी नाली का कीड़ा’ कहा गया। मैं पिछले 24 साल से गालियां खा-खा कर गाली प्रूफ बन गया हूं।
ओडिशा के पास बहुत प्राकृतिक संसाधनों हैं, इतने समृद्ध राज्य में गरीब लोगों को देखकर दुख होता है। ओडिशा भारत के समृद्ध राज्यों में से एक है, लेकिन ओडिशा में गरीबी भी बहुत है। ओडिशा के लोगों को उनका अधिकार नहीं मिल रहा है। इसके लिए वहां कि सरकार जिम्मेदार है। ओडिशा की वर्तमान सरकार की एक्सपायरी डेट 4 जून है।
25 साल से ओडिशा में प्रगति नहीं हो रही है। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि कुछ ऐसे लोगों की टोली है, जिसने पूरे ओडिशा की व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है। ओडिशा अगर उन बंधनों से बाहर आएगा तो ओडिशा खिलेगा।
हिंदुस्तान के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं। लोकतंत्र में हमारी दुश्मनी नहीं होती है। अब सवाल ये हैं कि मैं मेरे संबंधों को संभालूं या ओडिशा के भाग्य की चिंता करूं। तब मैंने रास्ता चुना की मैं ओडिशा के उज्जवल भविष्य के लिए अपने आप को खपा दूंगा। उसके लिए मेरे संबंधों की अगर मुझे बलि चढ़ानी पड़ेगी तो मैं तैयार हूं।
मैं चाहूंगा कि कश्मीर की जो स्थिति बदली है उसके संदर्भ में मैं सबसे पहले देश के न्यायतंत्र को प्रार्थना करना चाहता हूं। सरकार के काम करने की रणनीति होती है। उसके लिए कभी मुझे इंटरनेट बंद करना पड़ा, कोई NGO कोर्ट चला गया और कोर्ट में वो मुद्दा बन गया।
भले ही मैंने कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद किया था, लेकिन आज वहां के बच्चे बहुत गर्व के साथ कहते हैं कि 5 साल से इंटरनेट बंद नहीं हुआ है। 5 साल से हमें सब सुविधाएं मिल रही हैं। कुछ दिन तकलीफ हुई, लेकिन अच्छे काम के लिए हुई थी। जो ऐसे NGO हैं, जिन्होंने अदालतों के भरोसे लड़ाई शुरू की है उनसे देश को बचाना बहुत जरूरी है।