कल पानी छोड़ने की बात कही थी; सुप्रीम कोर्ट बोला- यमुना जल बंटवारे का मुद्दा जटिल
दिल्ली में जल संकट को लेकर गुरुवार (13 जून) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हिमाचल प्रदेश ने कोर्ट से कहा कि उसके पास दिल्ली को देने के लिए 136 क्यूसेक पानी नहीं है। एक दिन पहले राज्य ने कहा था कि उसकी तरफ से पानी छोड़ दिया गया है। हरियाणा की तरफ से पानी सप्लाई किया जाना बाकी है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना के पानी का बंटवारा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है। हमारे पास दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच जल-बंटवारे के फॉर्मूले पर फैसला लेने की टेक्निकल एक्सपर्टीज नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को पानी देने का फैसला अपर रिवर यमुना बोर्ड पर छोड़ दिया। कोर्ट ने कहा कि यमुना रिवर बोर्ड ने पहले ही दिल्ली को मानवीय आधार पर पानी की आपूर्ति के लिए आवेदन जमा करने का निर्देश दिया है। अगर दिल्ली सरकार ने एप्लिकेशन नहीं दिया है तो आज शाम 5 बजे तक दे दे। कोर्ट ने यमुना रिवर बोर्ड को शुक्रवार (14 जून) को एक बैठक बुलाकर दिल्ली सरकार के एप्लिकेशन पर जल्द से जल्द फैसला लेने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि अगर जरूरत हो तो रोज बैठक कीजिए।
दिल्ली सरकार ने 3 राज्यों से एक्स्ट्रा पानी देने की मांग की थी
दरअसल, दिल्ली की AAP सरकार ने जल सकंट को लेकर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
हिमाचल प्रदेश एक्स्ट्रा पानी देने के लिए तैयार था। कोर्ट ने हिमाचल को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश 6 जून को दिया था। हालांकि, दिल्ली सरकार ने कहा कि यह पानी दिल्ली तक अभी नहीं पहुंचा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मुनक नहर से पानी चोरी पर दिल्ली सरकार को फटकारा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 जून) को टैंकर माफिया के द्वारा मुनक नहर से पानी चोरी करने के मामले में दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट में झूठे बयान देने को लेकर भी AAP सरकार को जमकर फटकारा।
भाजपा ने पानी की चोरी को लेकर शिकायत सौंपी
दूसरी तरफ, भाजपा नेताओं ने बुधवार (12 जून) को दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से मुलाकात कर मुनक नहर और अन्य स्रोतों से पानी की चोरी को लेकर टैंकर माफिया के खिलाफ एक विशेष जांच दल गठित करने और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
दिल्ली में जल संकट क्यों हुआ
दिल्ली में जल संकट के दो कारण हैं- गर्मी और पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता। दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है। पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक इस साल दिल्ली जरूरत हर दिन 32.1 करोड़ गैलन प्रति दिन पानी की कमी से जूझ रहा है।