पूर्व प्रिंसिपल अलीपुर कोर्ट में पेश; डॉक्टरों का 22 सदस्यीय दल पुलिस कमिश्नर से मिलेगा
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ 8-9 अगस्त की रात रेप-मर्डर केस में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन 25वें दिन भी जारी है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मंगलवार को पुलिस हेडक्वॉर्टर के बाहर धरना दिया। वे पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों ने आम लोगों के साथ सोमवार को 2 सितंबर को पुलिस हेडक्वॉर्टर लालबाजार तक रैली निकाली थी। पुलिस ने हेडक्वॉर्टर से आधा किमी पहले बीबी गांगुली स्ट्रीट पर ही बैरिकेडिंग लगाकर सभी को रोका था। सोमवार से ही सभी वहीं बैठे हुए हैं। रातभर प्रदर्शन किया गया। डॉक्टरों ने पुलिस बैरिकेड पर रीढ़ की हड्डी और लाल गुलाब लगा दिए। उनका कहना था इससे पुलिस काे जनता के लिए उसका फर्ज याद दिलाने की कोशिश की गई है।
आज पुलिस ने जूनियर डॉक्टरों की मांग को माना और बैरिकेड्स हटाने को राजी हुई। साथ ही ट्रैफिक के जॉइंट कमिश्नर ने डॉक्टरों को बेंटिक स्ट्रीट जाने की परमिशन दी। अब डॉक्टरों का 22 सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी मांगें रखेगा। इधर, CBI आज आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य लोगों को CBI अलीपुर जजेज कोर्ट में पेश करेगी। इन सभी को अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।
डॉक्टर बोले- पुलिस हमसे डरी हुई है
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने रेप-मर्डर केस की जांच में शुरू से ही लापरवाही की है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर गोयल की तस्वीरें हाथ में लेकर उन्के इस्तीफे की मांग की। बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रोके जाने के बाद डॉक्टरों ने पुलिस कमिश्नर का पुतला भी जलाया।
धरने पर बैठे एक डॉक्टर ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा- हमें नहीं पता था कि कोलकाता पुलिस हमसे इतनी डरी हुई है कि हमें रोकने के लिए 9 फीट ऊंचा बैरिकेड लगा देगी। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें लालबाजार पहुंचने और कमिश्नर से मिलने की परमिशन नहीं दी जाती। हम तब तक यहीं बैठे रहेंगे।
डॉक्टरों को कसाई कहने पर TMC विधायक के खिलाफ केस दर्ज
दूसरी तरफ, डॉक्टरों पर टिप्पणी करने के मामले में TMC विधायक लवली मैत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। TMC विधायक ने डॉक्टरों की तुलना कसाई से की थी।
TMC विधायक लवली मैत्रा ने कहा था, ‘विरोध के नाम पर डॉक्टर कसाई बन रहे हैं। गरीब और वंचित लोग बंगाल के दूरदराज इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों से सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं। जो लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने में असमर्थ हैं, वे परेशान हैं। उनका इलाज नहीं हो रहा है। क्या वे (डॉक्टर) इंसान हैं? क्या यह इंसानियत है?’
अभिषेक बनर्जी ने पार्टी नेताओं को बयानबाजी से बचने को कहा
सूत्रों के अनुसार, TMC ने अपने नेताओं को इस तरह के बयान देने से मना किया है। TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने भी अपने पार्टी नेताओं को इससे बचने की चेतावनी दी है।
उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा, ‘मैं TMC के सभी नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे मेडिकल बिरादरी या समाज के किसी भी व्यक्ति के बारे में बुरा न बोलें। सभी को विरोध करने और अपनी बात कहने का अधिकार है। यही बात पश्चिम बंगाल को अन्य भाजपा शासित राज्यों से अलग बनाती है।’