5 साल की बच्ची के शिकार के बाद पहाड़ी पर लगाया था पिंजरा, दो लेपर्ड पहले पकड़े
उदयपुर से 45 किमी दूर गोगुंदा ग्राम पंचायत में एक और लेपर्ड को पकड़ लिया गया है। लेपर्ड ने बुधवार रात को पांच साल की बच्ची का शिकार किया था। पूरा गांव लगातार हो रहे लेपर्ड के हमले से दहशत में था। वन विभाग की टीम लेपर्ड की तलाश में थी। उसे पकड़ने लिए पिंजरा लगाया गया था, जिसमें शुक्रवार रात करीब ढाई बजे कैद हो गया। इस क्षेत्र में यह तीसरा लेपर्ड पिंजरे में आया है। क्षेत्रीय वन अधिकारी अर्जुन लाल मीणा ने बताया- लेपर्ड को पिंजरे सहित पहाड़ी इलाके से नीचे लेकर आए और उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क ले जाया गया।
टॉर्च और लाठी लेकर लेपर्ड देखने पहुंचे लोग
लेपर्ड पकड़ने की सूचना मिली तो गांव वाले टॉर्च लेकर जंगल में पहुंचे और लेपर्ड को देखा। लोगों के हाथ में टॉर्च और सुरक्षा को लेकर लाठी भी थी। लेपर्ड के लगातार हमले से लोग अब भी दहशत में है। ग्रामीणों का कहना है कि अभी निगरानी जरूरी है। मौके पर मौजूद कुड़ाऊ गांव के गुलाबसिंह ने बताया- बच्ची की मौत के बाद से डर बना हुआ है। लेपर्ड हष्ट-पुष्ट था और लगातार घुर्रा रहा था। उसके दो दांत टूटे हुए थे। पकड़ा गया लेपर्ड ही आदमखोर है, इसको लेकर अभी कुछ साफ नहीं है।
26 सितंबर को लेपर्ड पिंजरे के पास आकर गया
लेपर्ड 26 सितंबर की शाम करीब साढ़े सात बजे भी पिंजरे के पास से निकला था लेकिन उसके अंदर नहीं गया। वनकर्मियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने आला अधिकारियों को भी बताया। इस बीच उसी रात सवा बारह बजे एक जरख पिंजरे के पास आया था। उसके पिंजरे से टकराने से पिंजरा बंद हो गया था।
5 साल की बच्ची को बनाया था शिकार
गोगुंदा इलाके में मजावद ग्राम पंचायत के कुडाऊ गांव की भील बस्ती से 25 सितंबर को 5 साल की बच्ची सूरज पुत्री गमेर लाल गमेती को लेपर्ड उठा लेकर गया था। जंगल में बच्ची की कटी हुई हथेली मिली थी। उससे कुछ दूर आगे उसका शव पड़ा था। ग्रामीण कुछ कर पाते, इससे पहले ही झाड़ियों के बीच से लेपर्ड आया और शव उठाकर ले गया। इसके बाद वन विभाग ने लेपर्ड और बच्ची के शव की तलाश शुरू की। करीब 17 घंटे बाद 26 सितंबर की दोपहर करीब 12 बजे बच्ची की सिर कटी बॉडी मिली थी। लेपर्ड की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रखा गया।
तीन दिन से लेपर्ड की तलाश
लेपर्ड की तलाश के लिए पांच अलग-अलग टीमें लगा रखी थी, जो लगातार निगरानी कर रही थी। आसपास के इलाके में भी चार पिंजरे लगाए गए थे। कुड़ाऊ गांव के पास पहाड़ी पर लगे पिंजरे में लेपर्ड कैद हो गया। उदयपुर से 45 किमी दूर गोगुंदा ग्राम पंचायत में 23 सितंबर की रात को 2 लेपर्ड को पकड़ा गया था। पिंजरे में मांस और मछली की गंध वाला पानी रखा गया था। इसे खाने के लिए लेपर्ड पिंजरे में घुसे और कैद हो गए थे।