शरीर के जल्दी विकास के लिए खतरनाक इंजेक्शन लगाए, कई बार रेप,
राजस्थान क्राइम फाइल्स के पहले पार्ट में आपने पढ़ा कि पढ़ाई न करने पर डांटा तो दो मौसेरी बहनें घर छोड़कर भाग गई। दोनों सीकर से जयपुर पहुंची। वहां से दिल्ली चली गईं। पुलिस 12 महीने तक तलाश करती रही। आखिरकार बड़ी बहन को दिल्ली के एक मकान से बरामद किया। वहीं छोटी बहन के बारे में पुलिस के पास अब भी कोई सुराग नहीं था।
बड़ी बहन ने बताया कि वो दोनों जयपुर से ट्रेन से दिल्ली गइ थीं। वहां पहुंचने के कुछ देर बाद तक रेलवे स्टेशन के बाहर बैठी रहीं। वहां चाय पी। वहां ऑटो ड्राइवर सुरेश महतो से मुलाकात हुई। दोनों उसके ऑटो में बैठ गईं। सुरेश ने पूछा- कहां जाना है? दोनों बहनों के पास इस सवाल का जवाब नहीं था। उन्होंने सुरेश को बताया कि दोनों नौकरी की तलाश में हैं। सुरेश ने उन्हें पूछा- घर पर बताकर आई हो या नहीं? दोनों ने न में सिर हिलाया। ये सुनते ही सुरेश के मन में घिनौनी साजिश पनपने लगी।
उसने दोनों को अपनी पत्नी ललिता उर्फ बबीता के बारे में बताया। कहा कि वह उनकी अच्छी नौकरी लगवा देगी। दोनों सुरेश के साथ उसकी पत्नी बबीता से मिलने के लिए जाने के लिए तैयार हो गई। सुरेश महतो दोनों बहनों को अपनी पत्नी बबीता के पास ले गया। दोनों बहनों ने बबीता को बताया कि वे जयपुर से आई हैं और नौकरी की तलाश में हैं। बबीता ने दोनों को कहा-अच्छा काम लगवा दूंगी। दोनों खूब पैसे कमाओगी। ये सुनकर दोनों खुश हो गई थीं।
इसके बाद बबीता और सुरेश दोनों बहनों को लक्ष्मी देवी नाम की महिला के किराए के मकान में ले गए। उन्होंने 55 हजार रुपए में दोनों बहनों को लक्ष्मी देवी को बेच दिया गया। लक्ष्मी देवी ने दोनों से कहा- तुम दोनों को अलग-अलग काम करना होगा। ये सुनकर दोनों ने मना कर दिया। कहा कि हम एक साथ ही काम करेंगी। लक्ष्मी देवी ने बड़ी बहन को बबलू व उसकी पत्नी काजल को बेच डाला। दोनों बहनों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की। बबलू बड़ी बहन को मारपीट कर अपने साथ दिल्ली में एक मकान में ले गया। वहीं लक्ष्मी देवी ने छोटी बहन को मेरठ के दलाल दीपक को बेच दिया। इसके बाद से छोटी बहन का कुछ पता नहीं था। इधर, सीकर पुलिस ने दिल्ली में मकान में दबिश देकर अजय, बबलू और सोबरातू को गिरफ्तार कर लिया था।
बड़ी बहन के मिलने के बाद पुलिस के सामने छोटी बहन को तलाशना बड़ी चुनौती था। मामले की जांच उद्योगनगर थानाधिकारी राममनोहर कर रहे थे। एएसआई संतोष कुमारी, हेड कॉन्स्टेबल सुरेश, कॉन्स्टेबल मामराज, रणवीर, दुर्गाराम के साथ जयपुर से लेकर दिल्ली तक दबिश देने में लगे हुए थे।
बड़ी बहन से पुलिस को पता लगा कि उसे कई दिनों तक भूखा रखा गया था। उसे दूध में मिलाकर कुछ दवाई देते थे। इससे उसे कुछ होश नहीं रहता था। उसे बबलू व अजय मकान में बंधक बना कर रखते थे। बेहोशी की हालत में ही उसके साथ कई बार रेप किया गया। घर का सारा काम कराया जाता था। अजय के मकान में उसके दोस्त आते थे। वे भी उसके साथ रेप करते थे।
गैंगरेप का मामला सामने आने पर जांच सीओ सिटी सौरभ तिवाड़ी के पास पहुंच गई। उन्होंने जांच को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली में कई जगहों पर दबिश दी। उनके ट्रांसफर के बाद जांच गिरधारीलाल शर्मा के पास पहुंची। इधर हाईकोर्ट से भी लगातार गुमशुदा को तलाश करने का प्रेशर आ रहा था। परिवार को भी बड़ी बेटी के साथ अनहोनी घटना का पता लगा तो वे छोटी के बारे में सोचकर बेचैन होने लगे।