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रेडियो की आवाज रहे अमीन सयानी का निधन


91 की उम्र में आया हार्ट अटैक; 42 साल तक सुपरहिट शो गीतमाला को होस्ट किया

“नमस्कार भाइयों और बहनों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं।” 42 साल तक अपने इस शानदार अंदाज और आवाज से लोगों को रेडियो का दीवाना बनाने वाले अमीन सयानी नहीं रहे।

अमीन सयानी का 91 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। बेटे रजिल ने बताया कि अमीन सयानी को मंगलवार शाम को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। रजिल ने कहा कि पिता का अंतिम संस्कार गुरुवार को होगा। अभी कुछ रिश्तेदारों का इंतजार किया जा रहा है।

अमीन सयानी ने 1952 से 1994 तक रेडियो शो गीतमाला को होस्ट किया। अमीन सयानी की वजह से इस रेडियो शो को देशभर में लोकप्रियता मिली।

अमीन सयानी ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से की थी।

पीएम मोदी बोले- अमीन सयानी भारतीय ब्रॉडकास्टिंग में क्रांति लाए
पीएम मोदी ने अमीन सयानी के निधन पर शाक जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- अमीन सयानी जी की सुनहरी आवाज में वो खूबसूरती और गर्मजोशी थी, जिसने उन्हें कई पीढ़ियों के लोगों से जोड़े रखा। अपने काम के जरिए वे भारतीय ब्रॉडकास्टिंग की दुनिया में क्रांति लाए और अपने श्रोताओं के साथ खास बॉन्ड बनाया। उनके जाने से दुखी हूं। उनके परिवार, चाहने वालों और सभी रेडियो प्रेमियों को सांत्वनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।

करियर की शुरुआत इंग्लिश ब्रॉडकास्टर के तौर पर की
21 दिसंबर 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन मल्टीलिंगुअल फैमिली से ताल्लुक रखते थे। सयानी ने रेडियो प्रेजेंटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो, मुंबई से की थी। उनके भाई हामिद सयानी ने उन्हें यहां इंट्रोड्यूस कराया था। 10 साल तक वे इंग्लिश प्रोग्राम्स का हिस्सा रहे। आजादी के बाद उन्होंने हिंदी की ओर रुख किया। सयानी को असल पहचान दिसंबर 1952 में शुरू हुए रेडियो शो गीतमाला से मिली।

30 मिनट का रेडियो शो, तीन नाम बदले
सयानी का शो बिनाका गीतमाला पहले रेडियो सेलोन पर ब्रॉडकास्ट होता था। ये 30 मिनट का प्रोग्राम था। 1952 में शुरू हुआ ये शो सेंसेशन बन गया। बिनाका गीतमाला से ये सिबाका गीतमाला हुआ और हिट परेड नाम से भी ब्रॉडकास्ट हुआ, लेकिन कभी भी इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। इसके बाद गीतमाला शो ऑल इंडिया रेडियो और विविध भारती पर ब्रॉडकास्ट हुआ।

सयानी के अंदाज का हर कोई दीवाना
गीतमाला शो रेडियो पर बुधवार रात 8 बजे ब्रॉडकास्ट होता था। आलम यह था कि हर कोई इस शो का इंतजार करता था। घर, दुकान, बाजार हर जगह लोग सयानी को सुनने के लिए बेकरार रहते थे। फिर गूंजती थी एक आवाज- बहनों और भाइयों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं। और अब इस बरस बिनाका गीतमाला की वार्षिक हिट परेड का सरताज गीत।

इसके बाद बिगुल की आवाज गूंजती और फिर अमीन सयानी कहते, ‘फिल्म सूरज का गाना है ये बहनों और भाइयों। इसे गाया है मोहम्मद रफी ने।’

चार्ट-टॉपिंग हिट्स वाला रेडियो शो गीतमाला दक्षिण एशिया में खूब लोकप्रिय हुआ। सफलता के कारण गीतमाला शो 42 साल तक चला। बाद में 2000-2001 और 2001-2003 में इसके नाम में मामूली बदलाव के साथ इसे फिर से शुरू किया गया।

अमिताभ से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था
अपने स्ट्रगल के दिनों में अमिताभ बच्चन मुंबई के रेडियो स्टूडियो में भी ऑडिशन देने पहुंचे थे। बिना अप्वॉइंटमेंट लिए बिग-बी सयानी से मिलने चले गए। उस वक्त सयानी ने उनसे मिलने से मना कर दिया था। सयानी ने बिना आवाज सुने ही अमिताभ को रिजेक्ट कर दिया था। बाद उन्होंने बिग बी की आवाज सुनी तो कहा था- तुम्हारी आवाज सुनकर लोग डर जाएंगे।

कई साल बाद अमीन सयानी ने बताया कि अच्छा हुआ उस वक्त मैं अमिताभ से नहीं मिला। अगर मिल लेता तो दुनिया को महानायक नहीं मिल पाता।
कई साल बाद अमीन सयानी ने बताया कि अच्छा हुआ उस वक्त मैं अमिताभ से नहीं मिला। अगर मिल लेता तो दुनिया को महानायक नहीं मिल पाता।

एक इंटरव्यू में कहा था- चाहता था हर सुनने वाला सोचे उसी से बात कर रहा हूं
गीतमाला के दिनों को याद करते हुए अमीन सयानी ने कहा था, “मैं चाहता था कि हर सुनने वाले को ऐसा लगे कि मैं उससे ही बात कर रहा हूं। और, यही बात उन लोगों पर असर कर गई। इसने आश्चर्यजनक तौर पर रेडियो प्रेजेंटेशन में क्रांति लगा दी। मुझे उम्मीद नहीं थी कि आने वाले दिनों में ये अंदाज लोगों के लिए बेमिसाल हो जाएगा। ये रेडियो सेलॉन के साथ मेरा रोमांस था। वो बहुत ही शानदार समय था।”


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