अब तक 6 लेपर्ड आए, एक पिंजरे से भागे लेपर्ड का अभी तक नहीं चला पता
उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र के जंगल में एक लेपर्ड शुक्रवार को पिंजरे में आ गया। इस इलाके में इंसानों पर जहां हमले हुए है उस क्षेत्र से दूर यह लेपर्ड लगे पिंजरे में फंसा है। अब तक वन विभाग के लगाए पिंजरों में 6 लेपर्ड कैद हो गए है तो इनमें से एक वन विभाग के कैंपस से पिंजरा तोड़कर भाग गया जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चला है।
गोगुंदा क्षेत्र के भूताला के पास मिंडावतों की भागल में लगे एक पिंजरे में आज सुबह लेपर्ड की दहाड़ सुनाई दी। वहां से गुजर रहे ग्रामीणों को पता चला तो वन विभाग को सूचित किया। बाद में टीम वहां पहुंची और लेपर्ड को वहां से उदयपुर के बायोलोजिकल पार्क ले जाने की तैयारी की जा रही है। इस क्षेत्र में लेपर्ड के मूवमेंट के बाद से पिछले दिनों से यहां वन विभाग ने पिंजरा लगा रखा था और आज सुबह इसमें लेपर्ड फंस गया था। लेपर्ड के अंदर कैद होने की सूचना मिलने पर आसपास से बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर जुट गए। जब पिंजरे के पास वनकर्मी गए तब लेपर्ड गुर्राते हुए दहाड़ मार रहा था। जिस जगह लेपर्ड पिंजरे में आया वहां से राठौड़ों का गुड़ा और केलवों का खेड़ा गांव की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। इन दो गांवों के पास ही इंसानी हमलों के बाद वन विभाग ने बेस कैंप लगाया था।
लेपर्ड का चौथे दिन भी नहीं चला पता
इधर, 21 अक्टूबर की शाम को उदयपुर शहर के पास लखावली में लगे पिंजरे में लेपर्ड के 22 अक्टूबर की सुबह बायोलोजिकल पार्क से भागने के मामले में अभी तक वन विभाग खाली हाथ है। सज्जनगढ़ सेंचुरी स्थित बायोलोजिकल पार्क के पिंजरे से गायब हुआ लेपर्ड का चौथे दिन पता नहीं चल पाया। विभाग की टीमें सर्च लाइट से भी बायो पार्क में उसकी तलाश कर रही है। वहां लगाए पिंजरे में भी अभी तक लेपर्ड नहीं आया और चार दिन में कहीं उसका मूवमेंट सीसी टीवी में या कैमरा ट्रेप में नहीं दिखा है।