बोले- ‘संजीवनी में लोगों के पैसे डूबे, मदद नहीं की’; थाने के सामने दिया धरना
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह के बीच अदावत बढ़ती जा रही है। अब विधायक ने संजीवनी मुद्दे पर शेखावत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ‘लोगों के पैसे डूब गए और जब लोग शेखावत के पास गए तो मदद नहीं की।’
दरअसल केंद्रीय मंत्री गुरुवार को शेरगढ़ विधानसभा के दौरे पर थे। इस दौरान शाम करीब 7 बजे चामू थाना के भालू रतनगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही उनके विरोध में नारे लगाए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर देर रात 2 बजे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इसके बाद विधायक बाबू सिंह राठौड़ थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए थे। विधायक और उनके समर्थकों ने शुक्रवार सुबह 7 बजे दोबारा धरना शुरू किया। एसपी ग्रामीण धर्मेंद्र यादव की समझाइश के बाद दोपहर 2 बजे धरना समाप्त किया गया।
केंद्रीय मंत्री पर साधा निशाना
शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह शुक्रवार सुबह समर्थकों के साथ वापस धरने पर बैठे। इस दौरान उन्होंने सभा को भी संबोधित करते हुए संजीवनी सोसायटी को लेकर केंद्रीय मंत्री पर जमकर निशाना साधा।
शेरगढ़ विधायक बोले- ‘संजीवनी के मामले में कई लोगों ने अपनी जिंदगी की कमाई गंवा दी। कई लोगों के पैसे डूब गए। जब लोगों ने शेखावत से कहा कि अब केंद्र और राज्य दोनों में आपकी सरकार है, इसकी जांच हो जाए और हम गरीबों का पैसा मिल जाए तो हमारी आशीष आपको मिलेगी। इसके बाद भी शेखावत ने कोई मदद नहीं की। आज गरीब खून के आंसू रो रहे हैं।’
विधायक ने केंद्रीय स्कूल, एलिवेटेड रोड और ईसीएस मुद्दे पर भी शेखावत पर निशाना साधा। पुलिस ने समझाइश कर दोपहर करीब 2 बजे तक चले धरना-प्रदर्शन में समझाइश हुई कि पुलिस अब दबिश नहीं देगी। इस पर वे माने और कहा कि इस मुद्दे को लेकर वे जयपुर में सीएम से मिलेंगे।
शेरगढ़ में पार्टी के कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा
पूरा मामला गुरुवार शाम को शुरू हुआ था। केंद्रीय मंत्री शेखावत एम्बुलेंस का लोकार्पण करने शेरगढ़ आए थे। यहां से भालू लक्ष्मणगढ़ पहुंचे तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही उनके विरोध में नारे लगाना शुरू कर दिया था। विरोध को बढ़ता देख शेखावत अंबेडकर चौराहे, भूंगरा गांव से होते हुए मल्लीनाथ सर्किल पहुंचे। शेखावत को यहां भी विरोध का सामना करना पड़ा। कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर काले झंडे दिखाए थे।
इसके बाद शेखावत भालू लक्षमणगढ़ पंचायत में एनीकट का लोकार्पण करने पहुंचे। उन्होंने जैसे ही भाषण शुरू किया, वहां मौजूद लोगों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। कार्यक्रम में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने समझाइश की लेकिन नहीं माने। इसके बाद चामू थाना अधिकारी ने नामजद 6 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।
सरपंच को पकड़ने पर हंगामा, पुलिस से उलझे विधायक
पुलिस ने मामला दर्ज होने के बाद दबिश देकर कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया था, जिसमें कई शेरगढ़ विधायक के समर्थक भी थे। इस दौरान एक टीम देर रात जवाहर नगर पहुंची और सरपंच हरि सिंह को हिरासत में लेकर थाने ले जाने लगी।
विधायक को पता चला तो वे भी थाने की तरफ रवाना हुए और बीच रास्ते में पुलिस की गाड़ी रुकवा गिरफ्तारी को लेकर सवाल-जवाब किए। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस अधिकारी और विधायक के बीच तकरार बढ़ गई। विधायक से पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पथराव किया गया था तो विधायक ने इसका सबूत मांगा। विधायक को कहा गया कि उनके पास वीडियो है। इस बीच जब पुलिस अधिकारी ने विधायक को बीच रास्ते से हटने को कहा तो विधायक बिफर गए। वे बोले- ये मेरा रास्ता है। आप बिना किसी नोटिस के सूचना के किसी के घर कैसे जा सकते हो। अब ये बात बहुत बढ़ेगी। फिर क्या होगा वो आपको पता चल जाएगा।
चामू थाने में थाना अधिकारी ओमप्रकाश की की ओर से आईपाल सिंह, नाथू सिंह, मग सिंह गड़ा, हरि सिंह, उमेद सिंह, मनोहर सिंह, चंदनसिंह, रामसिंह, उगमसिंह, नखताराम, चंदू प्रजापत के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध करने, भीड़ को उकसाने, मंच पर लगे टेंट के पीछे से पत्थर फेंकने और पुलिस जाब्ते के साथ धक्का मुक्की करने को लेकर धारा 143, 332, 353 और 336 में मामला दर्ज करवाया गया है।