भगवान विष्णु के साथ ही हनुमान जी और मंगल ग्रह की करें विशेष पूजा, शिवलिंग पर चढ़ाएं लाल गुलाल
मंगलवार, 20 फरवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे भीष्म, अजा और जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु के भक्त खासतौर पर करते हैं। माना जाता है कि इस व्रत के पुण्य और विष्णु जी की कृपा से हमारे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस व्रत में दिनभर निराहार रहना पड़ता है। जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार और दूध का सेवन कर सकते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, एकादशी व्रत के साथ की गई विष्णु पूजा से जाने-अनजाने में किए सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। भक्तों के दुख दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। एकादशी व्रत के बारे में स्कंद पुराण में बताया गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव युधिष्ठिर को सालभर की सभी एकादशियों का महत्व समझाया था।
मंगलवार और एकादशी के योग में कर सकते हैं ये शुभ काम
- एकादशी पर सबसे पहले गणेश पूजा करनी चाहिए। गणेश जी को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं।
- एकादशी पर भगवान विष्णु और महालक्ष्मी पूजन करें। दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और भगवान की प्रतिमाओं को स्नान कराएं। दूध के बाद जल से स्नान कराएं। पूजा में फल-फूल, गंगाजल, धूप दीप और प्रसाद आदि अर्पित करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें। पूजा में विष्णु जी के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप कम से कम 108 बार करें।
- जो लोग एकादशी व्रत करते हैं, उन्हें दिन में एक समय फलाहार करना चाहिए। दिनभर विष्णु जी की भक्ति करें। विष्णु जी की कथाएं पढ़ें और सुनें। अगले दिन यानी द्वादशी पर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं, दक्षिणा दें। इसके बाद खुद भोजन ग्रहण करें। इस तरह एकादशी व्रत पूरा होता है।
- मंगलवार और एकादशी के योग में हनुमान जी के सामने धूप-दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। श्रीराम की पूजा करें। ऊँ रामदूताय नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
- ज्योतिष में मंगलवार का कारक ग्रह मंगल को माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित दोष हैं, उन्हें मंगलवार को शिवलिंग पर लाल गुलाल और लाल मसूर की दाल चढ़ानी चाहिए। मंगल ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में ही की जाती है, इसलिए मंगल दोष दूर करने के लिए शिव पूजा करनी चाहिए।