दिल्ली CM पर ‘सिख फॉर जस्टिस’ समेत खालिस्तानी संगठनों से 133 करोड़ रुपए लेने का आरोप
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश की है। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल ने बैन किए गए आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से पॉलिटिकल फंडिंग ली है। LG के पास वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया की शिकायत आई थी, जिसमें कहा गया था कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी आतंकी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर यानी 133 करोड़ रुपए लिए थे, ताकि देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई कराई जा सके। इस शिकायत के आधार पर LG ने यह सिफारिश की है।
अपनी शिकायत में आशू मोंगिया ने पेनड्राइव के एक वीडियो का जिक्र किया था, जिसमें खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस का फाउंडर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने यह दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर यानी 133.60 करोड़ रुपए की फंडिंग ली। इसमें यह दावा भी किया गया था कि 2014 में केजरीवाल ने न्यूयॉर्क के गुरुद्वारा रिचमंड हिल में खालिस्तान समर्थक सिखों से मुलाकात की थी। इस मीटिंग में केजरीवाल ने वादा किया था कि अगर AAP को खालिस्तानी समूहों से फंडिंग मिलती रहेगी तो वे देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई में मदद करेंगे।
केजरीवाल ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर भुल्लर की रिहाई की सिफारिश की थी
लेटर में यह भी लिखा है कि केजरीवाल ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्ठी लिखकर भुल्लर के लिए दया की याचिका की थी। इस मामले में अरविंद केजरीवाल की तरफ से इकबाल सिंह के नाम लिखी एक चिट्ठी को भी शामिल किया गया। 27 जनवरी 2014 को लिखी इस चिट्ठी में लिखा है कि हमारी सरकार इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील है और हम पूरी कोशिश करेंगे कि न्याय मिले। केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा था कि दिल्ली सरकार ने पहले ही प्रो. भुल्लर की रिहाई की सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेज दी है, इसके साथ ही दिल्ली सरकार SIT के गठन जैसे अन्य मुद्दों पर भी काम करती रहेगी।
LG कार्यालय की गृह मंत्रालय से अपील- केजरीवाल के खिलाफ आरोपों की NIA जांच कराएं
LG कार्यालय ने गृह मंत्रालय के नाम लिखे पत्र में लिखा है कि उन्हें जो शिकायत मिली है उसमें अपील की गई है कि आम आदमी पार्टी पर लगे इन आरोपों की गहराई से जांच की जाए। LG कार्यालय ने लिखा कि ये आरोप मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाए गए हैं, और भारत में बैन एक आतंकी संगठन से एक राजनीतिक दल को मिले फंड से जुड़े हैं। इसलिए जो सबूत शिकायतकर्ता ने दिए हैं, उनकी फोरेंसिक समेत हर तरह की जांच कराई जाए। LG कार्यालय ने गृह मंत्रालय से अपील की है कि शिकायतकर्ता ने बेहद गंभीर और संवेदनशील आरोप लगाए हैं, लिहाजा न आरोपों की जांच NIA से कराई जाए।