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दिल्ली के नए CM की शपथ 20 फरवरी को


19 को विधायक दल की बैठक, समारोह में PM समेत 20 राज्यों के मुख्यमंत्री होंगे शामिल

दिल्ली विधानसभा चुनाव रिजल्ट के 12 दिन बाद 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। हालांकि भाजपा ने अब तक CM फेस तय नहीं किया है। पार्टी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को बुलाई गई है, जिसमें CM की घोषणा होगी। इससे पहले 16 फरवरी शाम को खबर आई कि 17 फरवरी यानी आज विधायक दल की बैठक होगी और 18 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह होगा। हालांकि कुछ देर बाद इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया। इसकी वजह नहीं बताई गई। भाजपा सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री, भाजपा और NDA शासित 20 राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी CM शामिल होंगे। इसके अलावा उद्योगपति, फिल्म स्टार, क्रिकेट खिलाड़ी, साधु-संत और राजनयिक भी आएंगे।

मुख्यमंत्री की रेस में 6 नाम वैसे तो भाजपा अपने मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चौंकाती आई है। पार्टी सभी राजनीतिक कयासों को किनारे करते हुए संगठन के पुराने चेहरों को प्रदेश की कमान सौंपती है। इसके बावजूद 6 विधायकों के नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने 15 विधायकों के नाम निकाले हैं। उनमें से 9 नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं। इन्हीं 9 नामों में CM, कैबिनेट मंत्री और स्पीकर के नाम तय किए जाएंगे। दिल्ली मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 7 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में चर्चा है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों से एक-एक भाजपा विधायक को चुना जा सकता है। बिहार और पंजाब चुनाव के अलावा जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इन्हें चुना जाएगा।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के 12 से 16 हजार लोगों को भी बुलाने की तैयारी की गई है। कार्यक्रम की व्यवस्था की देखरेख के लिए भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुघ को प्रभारी बनाया गया है।

शिखा राय ग्रेटर कैलाश- 1 वार्ड से दूसरी बार निगम पार्षद हैं। इस चुनाव में उन्होंने AAP के दिग्गज नेता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज को करीब 3 हजार वोट से हराया है। पेशे से वकील शिखा प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष और महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष रह चुकी हैं। विपक्षी पार्टियां भाजपा और संघ पर अक्सर महिला विरोधी होने का आरोप लगाती है। इस समय भाजपा या NDA शासित किसी राज्य की CM महिला नहीं है। विपक्ष पार्टियों की सरकारों में भी सिर्फ एक राज्य (पश्चिम बंगाल) में महिला मुख्यमंत्री है। ऐसे में भाजपा शिखा राय को मौका दे सकती है।

पंजाबी दलित समुदाय से आने वाले रविंद्र पहली बार विधायक बने हैं। पंजाब में इस समुदाय को मजहबी सिख कहा जाता है। देश में इस समय एक भी दलित मुख्यमंत्री नहीं है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में एक OBC, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में आदिवासी, महाराष्ट्र और राजस्थान में ब्राह्मण को मुख्यमंत्री बनाया है। इस समय किसी भी राज्य में कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं है।

भाजपा काफी समय से दलितों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है। लोकसभा चुनाव में दलितों की नाराजगी की बड़ी कीमत भाजपा को चुकानी पड़ी थी। दिल्ली चुनाव में काफी मशक्कत के बाद भी दलितों और झुग्गी-झोपड़ी वासियों का वोट भाजपा हासिल नहीं कर पाई। पार्टी के संकल्प पत्र (मैनिफेस्टो) का तीसरा पार्ट जारी करते समय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को दलित CM देने का वादा किया था। 2 बार सरकार बनी। जेल गए, तब मौका था, फिर भी दलित CM नहीं बनाया। ऐसे में दिल्ली, पंजाब समेत पूरे देश के दलितों को साधने के लिए रविंद्र को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।


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