हाईकमान ने विजयपुरा विधायक को नोटिस भेजा, 72 घंटे में जवाब
कर्नाटक में भाजपा अध्यक्ष के विजेन्द्र विजयन के खिलाफ राज्य के कुछ विधायकों और नेताओं ने असंतोष जाहिर करते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है। हालांकि पार्टी हाईकमान ने उन्हें हटाने से इनकार करते हुए विजयपुरा के विधायक को नोटिस जारी किया है। पार्टी हाईकमान ने शिकायत करने वाले नेताओं को फटकार लगाते हुए, विजयन के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई से इनकार किया है। पार्टी ने विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतमल को नोटिस जारी कर कहा कि आप अनुशासन भंग नहीं कर सकते। नोटिस का 72 घंटे में जवाब मांगा।
लोकसभा चुनाव के बाद से ही विरोध सूत्रों के मुताबिक विजयन को हटाने की कवायद लोकसभा चुनाव के बाद से ही शुरू हो गई थी। हालांकि पार्टी ने इस पर अब जाकर ध्यान दिया और शिकायत करने वालों को ही नोटिस जारी कर दिया।
इन नेताओं ने शिकायत की विजयन कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुयूरप्पा के बेटे हैं। उनके खिलाफ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, बीपी हरीश, पूर्व विधायक कुमार बंगारप्पा और पूर्व केंद्रीय मंत्री जीएम सिद्धेश्वरा सहित कई नेताओं ने कर्नाटक के प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल को शिकायत की थी।
नड्डा से भी मिल चुका विरोधी खेमा दावा किया जा रहा है कि पूर्व मंत्री और विधायक रमेश जरकीहोली लगातार मीडिया में विजयन और उनके पिता के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। वे कुछ नेताओं के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिल चुके हैं। हालांकि सूत्रों का दावा है कि उन्हें पार्टी नेताओं ने फटकार लगाई है।
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पूर्व CM को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग शिकायत करने वाले नेताओं की मांग है कि विजयन को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर पूर्व CM और सांसद बसवाराज बोम्मई को कमान दी जाए। ये नेता बोम्मई से मिलकर अपनी बात रख चुके हैं। हालांकि बोम्मई ने पार्टी हाईकमान के फैसले के साथ रहने की बात कही है।
दक्षिण में कर्नाटक पार्टी का सबसे मजबूत किला कर्नाटक दक्षिण का एकमात्र राज्य है, जहां भाजपा मजबूत है। ऐसे में पार्टी हाईकमान यहां किसी भी प्रकार की गुटबाजी नहीं चाहता। विद्रोह करने वाले नेताओं ने पार्टी हाईकमान से मिलने का समय मांगा था, लेकिन पार्टी ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया।
विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग हुई थी पिछले सप्ताह भाजपा विधायक सुरेश गौड़ा ने कहा था कि विजयेंद्र प्रभावी तरीके से पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की आलोचना करना अनुचित है। अगर पार्टी के नेता ही उनके खिलाफ नकारात्मक बयान देंगे तो इससे कार्यकर्ता कमजोर पड़ेंगे। येदियुरप्पा ने राज्य में भाजपा को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बागियों को सार्वजनिक बयान देने के बजाय पार्टी प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखनी चाहिए।