कहा- कांग्रेस सरकार की विफलताएं बताने पर पत्रकारों को किया जाता था प्रताड़ित
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। दोनों ने शुक्रवार को पीसीसी में आयोजित हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला देकर कहा कि कांग्रेस राज में सरकार की विफलताएं बताने पर पत्रकारों को प्रताड़ित किया जाता था।
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने ट्वीट करते हुए लिखा- कांग्रेस ने सदैव ही दमनकारी नीति को अपनाया है। इससे हर वर्ग के लोगों को कड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ा। प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार की असफलताएं बताने पर पत्रकारों को परेशान किया जाता था।
आपातकाल के दौर में कांग्रेस ने मीडिया पर सेंसरशिप लागू कर आवाज को दबाया। अब जब मीडिया इन्हें इनका असली चेहरा दिखा रहा है तो ये जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
वहीं, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट किया कि कांग्रेस हमेशा ही पत्रकारों का दमन करती आई है। राजस्थान में पूर्व कांग्रेस सरकार की विफलताएं बताने पर पत्रकारों को प्रताड़ित किया जाता था। आपातकाल में भी कांग्रेस ने मीडिया पर सेंसर शिप लगा दी थी। अब जब मीडिया इन्हें इनका असली चेहरा दिखा रहा है तो ये जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने गहलोत को घेरा था
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। कांग्रेस के खाते सीज करने के मामले में यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। इस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने कई बार गोदी मीडिया शब्द का प्रयोग किया। इस पर पत्रकारों ने कड़ा एतराज जताया। कुछ पत्रकारों ने कहा कि मीडिया का शोषण तो आपके राज में भी कम नहीं हुआ। नेशनल मीडिया के एक पत्रकार ने कहा कि मुझे तो आपकी सरकार ने जेल भिजवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। आज भी मैं हाईकोर्ट में केस लड़ रहा हूं।
वहीं, कई पत्रकारों ने गहलोत के ओएसडी रहे शशिकांत शर्मा पर भी आरोप लगाए। पत्रकारों ने कहा कि आपके ओएसडी का व्यवहार पत्रकारों के प्रति ठीक नहीं था। वो मीडिया को आप से मिलने तक नहीं देते थे। पत्रकारों के इन आरोपों का जवाब गहलोत प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं दे पाए। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बात को संभालने की कोशिश भी की, लेकिन वे भी इसमें ज्यादा सफल नहीं हो पाए।