डॉ. राठौड़ बोले-महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे कॉमन, लक्षण दिखते ही अस्पताल पहुंचे
उदयपुर में ऑकोलॉजी फोरम की ओर से फतहसागर पाल पर रैली का आयोजन किया गया। इसमें ब्रेस्ट कैंसर की जागरूकता को लेकर संदेश दिया गया। रैली में शहर के मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विशेषज्ञ शामिल हुए। रविंद्र नाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग के डॉ. नरेंद्र राठौड़ ने बताया कि अक्टूबर महीने को पिंक अक्टूबर स्तन कैंसर जागरूकता महीने के रूप में मनाया जा रहा है।
गीतांजलि कैंसर सेंटर की पहल पर शहर के विभिन्न कैंसर चिकित्सकों के संगठन उदयपुर ऑकोलॉजी फोरम के बैनर तले रविवार को फतहसागर पर सुबह 8 से 9 बजे तक जागरूकता रैली निकाली जिसमें शहर के जाने-माने कैंसर चिकित्सकों ने भाग लिया। इस रैली के जरिए डॉक्टर्स ने ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेत को लेकर जागरूकता का संदेश दिया। रैली में आरएनटी मेडिकल कॉलेज, गीतांजलि, पेसिफिक भीलों का बदला व उमरड़ा, जीबीएच और अनंता मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी रही।
आरएनटी के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र राठौड़ ने बताया कि इस वर्ष भी 1 से 31 अक्टूबर तक ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस माह मनाया जा रहा है। पूरी दुनिया में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे कॉमन है। हर साल लाखों महिलाएं इसका शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए अवेयरनेस मंथ मना रहे हैं। इसके शुरुआती दौर में लक्षण सामने आने पर सफल इलाज किया जा सकता है, लेकिन अमूमन रोगी काफी देरी से अस्पताल आते हैं।
इसमें आरएनटी मेडिकल कॉलेज से डॉ. राठौड़ के अलावा डॉ.एस के डांगयाच डॉ.अरविंद शुक्ला, डॉ.अरविंद पाटीदार, डॉ अतुल वर्मा, डॉ.भूपेंद्र चौधरी, डॉ विक्रम सिंह राजपुरोहित, पीएमसीएच से डॉ.सौरभ शर्मा अनंता हॉस्पिटल से डॉ. देवेंद्र जैन डॉ. किरण चिंगुरपल्ली, जीबीएच कैंसर हॉस्पिटल से डॉ. कीर्ति जैन, डॉ. मनन सरूपरिया डॉ. एफएस मेहता, डॉ.गरिमा मेहता, गीतांजलि कैंसर सेंटर से डॉ.आरके व्यास डॉ रमेश पुरोहित, डॉ.आशीष जागेटिया, डॉ. सीताराम भारत, डॉ नवीन पाटीदार, डॉ अजय चौहान, डॉ.मोहित बड़गुर्जर शामिल हुए।
ऐसे में तब तक एडवांस स्टेज में कैंसर की कोशिकाएं ब्रेस्ट से दूसरी जगह फैल जाती हैं इसलिए इलाज के जरिए मरीज की जान बचा पाना कठिन हो जाता है। पीएमसीएच के डॉ. सौरभ शर्मा, पिम्स के उमेश स्वर्णकार, अनंता के डॉ. देवेंद्र जैन, जीएमसीएच के डॉ. आरके व्यास आदि ने भी विचार व्यक्त किए।