उदयपुर घूसखोरी में जेल गए डॉ काजी के बाद खाली था पद, डॉ शर्मा और डॉ काजी में आपसी खींचतान थी
1.25 रुपए की रिश्वत के मामले में जेल गए डॉ जुल्फिकार अहमद काजी के बाद अब राज्य सरकार ने ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर डॉ प्रकाशचन्द्र को कमान सौंपी है। इस पद के लिए डॉ शर्मा और तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ काजी के बीच खींचतान चल रही थी। राज्य सरकार द्वारा डॉ शर्मा को दो बार नियुक्त किए जाने के बाद भी उन्हें यह पद नहीं मिल पाया था। क्योंकि डॉ काजी पहले हाईकोर्ट जाने के नाम पर और फिर दूसरी बार हाईकोर्ट से स्टे लाकर कुर्सी पर जमे रहे।
हालांकि उसी वक्त डॉ शर्मा के पास भी ज्वाइंट डायरेक्टर पद था लेकिन सभी अधिकार डॉ काजी के पास थे। ऐसे में डॉ शर्मा इस पद पर रहते हुए काम नहीं कर सके। फिर 7 अगस्त 2024 को चिकित्सा विभाग ने डॉ शर्मा को एपीओ कर जयपुर निदेशालय बुला लिया था। अब जब डॉ जुल्फिकार काजी के जेल जाने के बाद यह पद खाली हुआ तो डॉ शर्मा को इस पर नियुक्ति दी गई। यह तीसरा आदेश है जब डॉ शर्मा को इस पद पर लगाया गया।
डॉ काजी 1.25 लाख रुपए की घूस लेते हुए थे ट्रेप
11 अगस्त को डॉ जुल्फिकार काजी को एसीबी ने 1.25 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। डॉ काजी ने सोनोग्राफी मशीन शिफ्ट कराने और कोई कार्रवाई नहीं करने की एवज में रिश्वत मांगी थी। रविवार को अवकाश के दिन उन्हें उनके ही दफ्तर से एसीबी ने रंगे हाथों ट्रेप किया। जिसके बाद से डॉ काजी जेल में है।