ये सभी दोहरे प्रभार संभाल रहे थे; पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी हटाया
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के दो दिन बाद 7 राज्यों के बड़े अधिकारियों को हटा दिया है।
इनमें गुजरात के गृह सचिव पंकज जोशी, उत्तर प्रदेश के गृह सचिव संजय प्रसाद, झारखंड के गृह सचिव अरवा राजकमल, बिहार के अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग एस सिद्धार्थ और बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार का नाम सामने आया है। इनके अलावा, मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव, बृहन्मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल शामिल हैं। आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से नाराजगी जताते हुए बीएमसी और अतिरिक्त/उपायुक्तों को आज शाम 6 बजे तक रिपोर्ट देने और अधिकारियों के ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है।
राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की सोमवार दोपहर में बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को हटाया गया है। इससे पहले भी राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान डीजीपी को चुनाव आयोग ने हटाया था।
कुमार के लिए धरने पर बैठ गई थीं ममता
3 फरवरी 2019 को जब CBI की टीम घोटाले से संबंध में पूछताछ करने के लिए कुमार के घर गई थी तो उसे रोका गया और मुख्यमंत्री बनर्जी केंद्र सरकार पर विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई थीं। कुमार उस वक्त कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे। अदालत के आदेश के बाद, शारदा मामले की जांच के संबंध में मेघालय के शिलांग में सीबीआई ने उनसे पूछताछ की।
टीएमसी ने कहा- भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों का कंट्रोल अपने हाथ में लिया
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने DGP को हटाए जाने की कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि BJP चुनाव आयोग समेत कई संगठनों को हथियाने की पूरी कोशिश कर रही है।
उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आज जो हुआ वह भाजपा का आईना है। BJP चुनाव आयोग के कामकाज को हथियाने और उन पर नजर रखने की पूरी कोशिश कर रही है।