कलेक्टर बोले- चुनाव अवधि में वहां ठहरेंगे सुरक्षा बल, आयोजक को समय पर बता दें.
उदयपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठ की। जिला कलेक्टर ने नगर निगम व यूआईटी के अधिकारियों से कहा कि चुनाव के समय शादियों की सीजन है ऐसे में ऐसे कम्युनिटी सेंटर में जिनकी बुकिंग है उनको समय पर सूचित कर दीजिए कि चुनाव के चलते उनकी बुकिंग कैसिंल की जाती है।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि चुनाव के मद्देनजर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल आएंगे। उनके ठहराव की व्यवस्था सरकारी सामुदायिक भवनों में रहेगी। इसके लिए नगर निगम और यूआईटी के सभी सामुदायिक भवन अधिगृहित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समयावधि में विवाह आयोजन भी अधिक है। ऐसे में यदि यह सामुदायिक भवन किसी ने बुक करा रखे हैं तो उन्हें तत्काल निरस्त किया जाए, ताकि संबंधित व्यक्ति को अंतिम समय में परेशानी नहीं हो। इसी क्रम में वाहन भी अधिगृहित किए जाएंगे।
होर्डिंग स्थल के लिए ऑनलाइन आवेदन करें
राजनीतिक दलों की ओर से प्रचार-प्रसार के लिए लगाए जाने वाले होर्डिंग्स के स्थल आवंटन को लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से पोसवाल ने सुविधा एप के बारे में बताते हुए ऑनलाइन आवेदन करने को कहा। चुनाव आयोग के नियम कायदों का फिर से स्मरण कराया और कहा कि उसकी पालना हर हाल में होनी चाहिए किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। प्रारंभ में उप जिला निर्वाचन अधिकारी शैलेष सुराणा तथा आचार संहिता पालना प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी एवं डीआईजी स्टाम्प जितेंद्र ओझा ने चुनाव आयोग की गाइड लाइन से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र स्तर पर होर्डिंग्स के लिए स्थल चिह्नित कर सूची मय दरों के जारी कर दी गई है। फिलहाल 9 नवम्बर तक राजनीतिक दल स्तर पर होर्डिंग्स की अनुमति दी जाएगी।
राजकीय भवनों पर नहीं लगा सकेंगे होर्डिंग-बैनर
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार के होर्डिंग्स, बैनर, पैम्पलेट प्रकाशित कराने पर उस पर प्रकाशक व मुद्रक का नाम तथा प्रकाशन संख्या अनिवार्य रूप से अंकित की जाएगी। निगरानी के दौरान यदि कोई ऐसा बैनर-होर्डिंग्स पाया गया, जिस पर यह अंकन नहीं होगा तो उसे तत्काल उतरवा लिया जाएगा। साथ ही यह भी इस बैठक में साफ किया गया कि किसी भी स्थिति में राजकीय भवनों पर होर्डिंग्स-बैनर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नगरीय क्षेत्र में स्थानीय निकाय के कानूनों की पालना भी अपेक्षित रहेगी।