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कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़, 4 सुरक्षाकर्मी घायल


इनमें 3 सेना के जवान, एक ASP; 2-3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका

कश्मीर में कुलगाम के आदिगाम देवसर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सेना के 3 जवान और एक असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट (ASP) घायल हुए हैं। चारों को अस्पताल ले जाया गया है। दो-तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। कश्मीर जोन पुलिस ने शनिवार सुबह 7:05 बजे X पर पोस्ट के जरिए मुठभेड़ की जानकारी दी थी। बताया गया कि पुलिस और सेना ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत आदिगाम में सर्च ऑपरेशन चलाया था। इसी दौरान आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी, इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के 6 सहयोगी गिरफ्तार

दूसरी तरफ, पुलिस ने शुक्रवार, 27 सितंबर को पुलवामा के अवंतीपोरा में टेरर मॉड्यूल का खुलासा किया। पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार कियाI ये युवाओं को आतंकवाद की ट्रेनिंग देते थे। इनके पास से 5 IED, 30 डेटोनेटर, IED की 17 बैटरी, 2 पिस्टल, 3 मैगजीन, 25 राउंड, 4 हैंड ग्रेनेड और 20 हजार कैश बरामद हुआ है।

13-14 सितंबर के दौरान 3 जगहों पर 5 आतंकी मारे गए, दो जवान शहीद

छतरू में दो जवान शहीद: जम्मू-कश्मीर के छतरू के नैडगाम गांव के पिंगनाल दुगड्डा वन क्षेत्र में 13 सितंबर को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें सेना के दो जवान शहीद हुए थे। दो जवान घायल हुए थे।

कठुआ में दो आतंकी ढेर: जम्मू-कश्मीर के कठुआ के खंडारा में 13 सितंबर को सेना ने ऑपरेशन चलाया था। यहां राइजिंग स्टार कोर के सैनिकों ने दो आतंकियों को मार गिराया गया। आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए।

युवाओं की मदद से हमलों को अंजाम देने की साजिश थी

पुलिस ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद का पाकिस्तान स्थित कश्मीरी आतंकी उन युवाओं की तलाश में है, जिनका ब्रेन वॉश किया जा सकता है। जांच में सामने आया कि आतंकी ने जेल में एक ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से कई युवाओं की पहचान की, जिन्हें अवंतीपोरा के त्राल क्षेत्र में आतंकवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर ने इन युवाओं की मदद से IED लगाने के लिए कुछ जगहों को सिलेक्ट भी कर लिया था। हैंडलर और IED बनाने के लिए उन युवाओं को पैसे भी दिए थे, जिससे वे इसके लिए सामान ला सकें। युवाओं को पिस्तौल, ग्रेनेड, IED भी दी गई थी। युवाओं को टारगेट किलिंग, सुरक्षाबलों, सार्वजनिक जगहों, गैर कश्मीरी मजदूरों पर ग्रेनेड फेंकने और IED ब्लास्ट करने जैसी टेररिस्ट एक्टिविटी को अंजाम देने का निर्देश दिया गया था।

इससे पहले 12 अगस्त को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक चरवाहा मॉड्यूल पकड़ा था, जिसमें 9 सदस्य थे। ये लोग ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ढोंक (मिट्‌टी के झोपड़े) बनाकर रहते थे। ये लोग सांबा और कठुआ बॉर्डर से घुसपैठ करने वाले आतंकियों को ढोंक में रुकने-खाने और पहाड़ों-जंगलों में छिपने की ट्रेनिंग देते थे।


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