राज भोग में फूल मंडली का श्रृंगार के साथ शयन में उड़ाई राल, उमड़े भक्त
राजसमंद में कांकरोली स्थित पुष्टिमार्ग की तृतीय पीठ श्री द्वारिकाधीश मंदिर में होलकाष्टक शुरू होने के साथ ही फागोत्सव की धूम पूरे परवान पर है। मंदिर में रोज अलग-अलग झांकियों के साथ गुलाल अबीर की सेवा पूरी की जा रही है। वही रात्रि के समय प्रभु के सम्मुख राल उड़ाकर आग की ज्वाला के दर्शन कराए जा रहे है।
इस अवसर पर प्रभु द्वारिकाधीश को विशेष श्रृंगार धराया गया, वही शाम को शयन के दर्शन में प्रभु के सम्मुख राल गुलाल उड़ाई गई। श्री द्वारिकाधीश मंदिर से प्राप्त जानकारी के अनुसार तृतीय पीठाधीश्वर गोस्वामी डॉक्टर वागीश कुमार महाराज की आज्ञा से प्रभु श्री द्वारकाधीश को श्री मस्तक पर सोने का मुकुट, खसखसी दोनों काछनी, वैसी सूथन, वैसा ही पितांबर, सोने के आभरण, श्वेत चिकने ठाडे वस्त्र, लाल खिनखाप को फरर्गुल और वनमाला का श्रृंगार धराया गया। बाद में राज भोग दर्शन में प्रभु द्वारिकाधीश को निज तिवारी में विराजित किया गया। इसके लिए आकर्षक केले के पेड़ों से निज तिवारी को सजाया गया। वही प्रभु द्वारिकाधीश को गुलाब की मंडली में विराजित किया गया। यहां प्रभु द्वारिकाधीश को गुलाल अबीर की सेवा धराई गई और श्रद्धालुओं पर भी गुलाल अबीर पिचकारी से रंग वर्षा की गई।
इस दौरान दर्शनों को करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु द्वारिकाधीश मंदिर पहुंचे। वही शयन में प्रभु द्वारिकाधीश के सम्मुख राल उड़ाई गई। इसके बाद गोवर्धन चौक में आम श्रद्धालुओं के बीच भी राल उड़ाई गई।