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चिकित्सा विभाग में चार अफसरों के बीच पद की लड़ाई


सरकार ने तबादलों के साथ DDO पावर दिए; 2 अधिकारी स्टे लेकर कुर्सी पर जमे

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कुर्सी को लेकर चल रहे झगड़े के बीच राज्य सरकार ने एक आदेश निकाल साफ कर दिया कि सरकार ने जिनके पदस्थापन पदों पर पिछले दिनों किए डीडीओ के पॉवर उनके पास ही रहेंगे। दूसरी तरफ इन पदों पर कोर्ट से स्टे लेकर आए अधिकारी भी बैठे हैं। उदयपुर में ये झगड़ा संयुक्त निदेशक (JD) और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के पद पर चल रहा है।

जयपुर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने एक आदेश निकाला जिसमें कहा कि 22 फरवरी और 15 मार्च 2024 को विभाग की संयुक्त शासन सचिव की और से निकाले आदेश में कार्यालय अध्यक्षों के पद पर पदस्थापित अधिकारी अग्रिम आदेश तक पदस्थापन स्थान के कार्यालय अध्यक्ष का कार्य करेंगे।

तबादले आदेश के बाद कोर्ट का स्टे लेकर आए . शंकर बामनिया वापस सीएमएचओ की कुर्सी पर पिछले दिनों बैठ गए थे

इस आदेश का मतलब यह है कि इन अधिकारियों को डीडीओ के पॉवर दिए गए हैं, संबंधित कार्यालय में आहरण एवं वितरण का जिम्मा इनका ही होगा। पिछले ट्रांसफर आदेशों में डॉ. प्रकाश चंद शर्मा का उदयपुर संभाग मुख्यालय पर जॉइंट डायरेक्टर और डाॅ. अशोक आदित्य को सीएमएचओ के पद पर तबादला किया था। जेडी के पद पर पहले जिम्मा संभाल रहे डॉ. जुल्फिकार अहमद काजी कोर्ट से स्टे लेकर आ गए और इस कुर्सी पर ही बैठे हैं। ठीक इसी प्रकार डॉ. शंकरलाल बामनिया भी अदालत से स्टे लाकर सीएमएचओ के पद बैठे हैं।

सीएमएचओ के पद पर ऐसे चल रहा है झगड़ा

डॉ. अशोक आदित्य करीब आठ दिन पहले राज्य सरकार के आदेश से सीएमएचओ बने थे। इसके बाद डॉ. शंकर बामणिया ने कोर्ट से स्टे लेकर वापस सीएमएचओ की कुर्सी संभाल ली थी। वे गए तब दफ्तर में सीएमएचओ की कुर्सी पर डॉ. आदित्य बैठै थे। बाद में डॉ. आदित्य को अपनी कुर्सी से उठकर पास की कुर्सी पर बैठना पड़ा।

सरकारी आदेश के तहत डीडीओ पावर डॉ आदित्य के पास है लेकिन जॉइनिंग के साथ ही डॉ. बामणिया ने खुद अपने साइन से एक लेटर ​जारी कर दिया। जिसमें लिखा है कि कोर्ट के आदेश पर उन्होंने खुद जॉइन किया। सभी पत्र व्यवहार और वित्तीय कार्य उनके द्वारा ही किए जाएंगे।


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