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अवैध किडनी ट्रांसप्लांट केस में फोर्टिस का नर्सिंग स्टाफ गिरफ्तार


सर्जरी के बाद करता था मरीजों की देखरेख, दलालों से पूछताछ में मिले सबूत

रिश्वत लेकर फर्जी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी जारी करने के मामले में जयपुर पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। सवाई मानसिंह अस्पताल से जारी फर्जी एनओसी पर फोर्टिस अस्पताल में किए गए अवैध ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में पुलिस ने फोर्टिस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को गिरफ्तार किया है। अब आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि आरोपी भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप बारां के हरनावदा का रहने वाला है, जो फोर्टिस अस्पताल में नौकरी करता था। आरोपी भानू से पूर्व में एसीबी भी पूछताछ कर चुकी है। एसीबी ने जैसे ही भानू को पूछताछ के लिए बुलाया तो अस्पताल प्रशासन ने कुछ समय के लिए उसे नौकरी पर आने के लिए मना कर दिया था। तब से वह अपने गांव में रह रहा था।

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर विनोद सिंह, अंग प्रत्यारोपण के मामले में एमओयू की गई कंपनी मैड सफर के डायरेक्टर सुमन जाना और दलाल सुखमय नंदी से पूछताछ से की गई पूछताछ में भानू की भूमिका मिली। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रोजाना दलालों के संपर्क में रहकर उन्हें अवैध ट्रांसप्लांट के लिए मदद करता था। हॉस्पिटल में सर्जरी के बाद दलाल मरीजों को किराए के मकानों में रखते थे। जहां पर मरीजों की देखरेख के लिए भानू ही जाता था। अब पुलिस भानू और दलालों के सीधे संपर्क में रहने वाले डॉक्टर्स की भूमिका तय करने में जुटी हुई है। इसके अलावा इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल व दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।


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