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लोकसभा लड़ना चाहते थे गरासिया,पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवार बनाया


आदिवासी क्षेत्र में भाजपा का हैं बड़ा चेहरा, संगठन के लिए लगातार कर रहे काम

राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सोमवार रात राजस्थान से दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाया है। चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने आदिवासी वोटर्स को साधने की कवायद की है। चुन्नीलाल गरासिया की आदिवासी वोटर्स में अच्छी पकड़ है।

खास बात है कि लोकसभा चुनाव में चुन्नीलाल गरासिया उदयपुर लोकसभा सीट से टिकट के लिए मेहनत कर रहे थे। पार्टी ने उन्हें सीधे ही राज्यसभा में भेजने के लिए उम्मीदवार बनाकर मैसेज दिया कि पार्टी की सब पर निगाह हैं।

संगठन में संगठन की मजबूती की बात करते चुन्नीलाल गरासिया।
संगठन में संगठन की मजबूती की बात करते चुन्नीलाल गरासिया।

आदिवासी क्षेत्र में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं गरासिया
उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र के भाजपा में चुन्नीलाल गरासिया बड़े चेहरे है। संगठन में पिछले सालों से बड़ी मेहनत कर रहे है। अभी वे बतौर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष है और भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है। संगठन को सींचने के लिए उदयपुर से जयपुर-दिल्ली और संभाग का चक्कर लगा रहे है।

पड़ोसी राज्य गुजरात में चुनाव होते है, तब भी गरासिया को संगठन की तरफ से जिम्मेदारी दे दी जाती है। भाजपा ने उनको राज्यसभा उम्मीदवार बनाकर वनवासी परिवार को भी साधने की कोशिश की है।

वनवासी परिवार तक मोदी की गारंटी लेकर गए
विधानसभा चुनाव से पहले उदयपुर की एक होटल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उदयपुर संभाग की बैठक ली थी। तब भी चुन्नीलाल गरासिया अगली पंक्ति में थे। सबसे अहम बात है कि तब नड्डा ने जोर दिया था कि मोदी सरकार की गारंटी और योजनाएं वनवासियों तक पहुंचे, तब भी गरासिया उस लाइन में आगे थे। वे उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और सलूंबर क्षेत्र में मोदी सरकार की योजनाएं अंतिम लाइन तक पहुंचे, इसके लिए भ्रमण पर निकले।

जून 2023 में उदयपुर में जनजातीय विशिष्टजनों से संवाद कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के स्वागत कार्यक्रम में चुन्नीलाल गरासिया अगवानी करते हुए।
जून 2023 में उदयपुर में जनजातीय विशिष्टजनों से संवाद कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के स्वागत कार्यक्रम में चुन्नीलाल गरासिया अगवानी करते हुए।

विधानसभा का टिकट भी नहीं मिला
वे उदयपुर ग्रामीण विधानसभा से विधायक रहे और फिर मंत्री बने। उसके बाद भी वे दो दशक से फिर टिकट के लिए कतार में थे लेकिन टिकट नहीं मिला। पिछले दो विधानसभा से तो वे उदयपुर ग्रामीण सीट से प्रमुख दावेदार के रूप में थे।

नाम नहीं आया तो मिशन लोकसभा में लग गए
जब उदयपुर ग्रामीण से उनको टिकट नहीं​ मिला तो वे मिशन लोकसभा चुनाव के लिए लग गए थे। वे उदयपुर संसदीय क्षेत्र की एसटी रिजर्व सीट से भाजपा से टिकट के लिए कवायद शुरू कर चुके थे। वे संगठन से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक अपना नाम पहुंचा चुके थे। उनसे जब भी पूछा गया तो वे यहीं कहते थे कि संगठन जो जिम्मेदारी देगा उसके लिए तैयार है। वैसे इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने पूरी मेहनत कर दी थी कि टिकट मिल ही जाए।

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ गरासिया।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ गरासिया।

संगठन में काम करने वाले व्यक्ति पर पार्टी की नजर
गरासिया को राज्यसभा के लिए राजस्थान से उम्मीदवार बना दिया जाएगा यह कभी नहीं सोचा। गरासिया को टिकट बनाकर पार्टी ने यह संदेश दिया कि संगठन में काम करने वाले व्यक्ति पर पार्टी की पूरी नजर है।

बीए पास गरासिया हैं किसान
68 साल के गरासिया बीए पास है और किसान हैं। भाजपा का बड़ा आदिवासी चेहरा है। वे उदयपुर संभाग में पार्टी के लिए लगातार दौरे कर रहे है और लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे थे।


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