कंपनी के अफसरों की मीटिंग बुलाई: एक दिन पहले प्ले स्टोर से 10 ऐप हटाए थे
केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद गूगल ने प्ले स्टोर से हटाए 10 कंपनियों के ऐप को शनिवार को फिर रिस्टोर कर दिया। न्यूज एजेंसी ANI ने सरकार के सूत्रों के हवाले से यह खबर दी। इससे पहले सुबह केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि ‘इन ऐप पेमेंट’ मामले में गूगल को भारतीय ऐप्स को डीलिस्ट करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
वैष्णव ने बताया कि इस विवाद को सुलझाने के लिए अगले हफ्ते गूगल और इन कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है। दरअसल, कंपनी ने ऐप बिलिंग पॉलिसी का हवाला देकर शुक्रवार को 10 कंपनियों के ऐप प्ले स्टोर से डिलिस्ट कर दिए थे। गूगल ने कहा कि इन कंपनियों ने ‘इन ऐप पेमेंट’ का भुगतान नहीं किया है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम के हितों की रक्षा करना जरूरी
वैष्णव ने कहा,’ भारत बहुत स्पष्ट है, हमारी नीति बहुत स्पष्ट है। हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है कि गूगल अपने दृष्टिकोण में उचित होगा। हमारे पास एक बड़ा बढ़ता हुआ स्टार्टअप इकोसिस्टम है और उनके हितों की रक्षा करना जरूरी है।’
पहले जानिए ये विवाद क्या है?
इन-ऐप पेमेंट पर गूगल ने 11% से 26% तक चार्ज लेता है, जिसका भारतीय स्टार्टअप्स विरोध कर रहे हैं। यह फीस एंटीट्रस्ट अथॉरिटीज के 15% से 30% की पिछले फीस स्ट्रक्चर को खत्म करने के आदेश के बाद गूगल ने लगाया है। गूगल का कहना है कि उसकी फीस एंड्रॉइड और प्ले स्टोर ऐप इकोसिस्टम के ग्रोथ और पब्लिसिटी में कंट्रीब्यूट करती है।
इन-पेमेंट फीस को लेकर कई कंपनियों ने गूगल के खिलाफ शिकायत की थी। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पिछले साल मई में इसके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।
गूगल ने इन ऐप्स को हटाया था
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने भारत मैट्रिमोनी, शादी डॉट कॉम, नौकरी.कॉम, 99-एकर्स.कॉम, Altt, स्टेज, अहा, ट्रूली मैडली, क्वैक , कुकू FM और FRND जैसी कंपनियों के ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया था। गूगल ने एक मार्च को कहा था कि इन कंपनियों के पास पर्याप्त समय था, लेकिन फिर भी इन्होंने बिलिंग पॉलिसी पर हामी नहीं भरी तो अब एक्शन ही लेना पड़ रहा है। हालांकि, कंपनी ने एक दिन बाद इन्हें प्ले स्टोर पर रिस्टोर कर दिया।
SC का कंपनियों को प्ले स्टोर से हटाने से बचाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी 2024 को भारत मैट्रिमोनी जैसी इंटरनेट कंपनियों को गूगल के प्ले स्टोर से हटाए जाने से बचाने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को है।
ऐप डेवलपर्स ने कहा था- 19 मार्च तक प्ले स्टोर से ऐप्स को न हटाएं
ऐप हटाए जाने के बाद 30 से ज्यादा भारतीय ऐप डेवलपर्स ने गूगल से अनुरोध किया कि कंपनी संयम बरतें और 19 मार्च तक गूगल प्ले स्टोर से ऐप्स को न हटाए, क्योंकि, उस दिन उनकी याचिका पर सुनवाई होनी है।