इसकी देखभाल बेहद जरूरी, जमकर पालक, गोभी और मूली खाएं
पैंक्रियाज के ये एंजाइम पचाते खाना
आप जो कुछ भी खा रहे हैं पैंक्रियाज उसे पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खास तरह के जूस बनाता है, इन्हें हम एंजाइम कहते हैं। यह एंजाइम हमारे खाने से मिलने वाले शुगर, फैट और स्टार्च को तोड़ता है और इन्हें पचाने में एक जरूरी भूमिका निभाता है। यह आपको पेट कई बीमारियों, हार्ट की बीमारियों और डायबिटीज जैसी कई बीमारियों से बचाता है।
आपने कभी-न-कभी मछलियां जरूर देखी होंगी। उनकी बनावट और चंचलता मन मोह लेती है। देखकर तबीयत हरी हो जाती है। ऐसी ही एक मछली आपके पेट के पिछले हिस्से में रहती है। जो आपके तमाम अंगों को स्वस्थ रखती है। इसे हम पैंक्रियाज कहते हैं।
फेमस टीवी एक्टर ऋतुराज सिंह के भीतर रह रही इस मछली की तबीयत बिगड़ी और उनका निधन हो गया। लेकिन मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट थी। सवाल उठता है कि बीमारी पैंक्रियाज की थी तो मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट से कैसे बनी?
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में जानेंगे कि पैंक्रियाटिक बीमारी का हार्ट से क्या संबंध है। साथ ही जानेंगे कि-
पैंक्रियाज हमारे शरीर को कैसे स्वस्थ रखता है?
इसकी सेहत क्यों और कब बिगड़ती है?
पैंक्रियाटायटिस होने से किन बीमारियों का खतरा?
इसे कैसे स्वस्थ रखा जा सकता है?
पैंक्रियाटिक इलनेस से नहीं होता कार्डियक अरेस्ट
कानपुर के हृदय रोग संस्थान के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अवधेश शर्मा कहते हैं कि पैंक्रियाटिक इलनेस सीधे तौर पर कार्डियक अरेस्ट का कारण नहीं बनती हैं। आमतौर पर सभी बीमारियों में मौत की वजह तो दिल की धड़कनें रुकना ही है। लेकिन अगर आप-
- डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं या बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है।
- स्मोकिंग करते हैं, स्ट्रेसफुल या गतिहीन जीवन शैली जी रहे हैं।
तो पैंक्रियाटिक बीमारी के साथ इन कंडीशंस के भी होने पर दिल की बीमारियों के जोखिम बढ़ जाते हैं।
पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख लक्षण
पैंक्रियाटाइटिस होने पर आपके पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है। यह धीरे-धीरे पीठ तक फैल सकता है। इससे पीड़ित लोग अलग-अलग दर्द महसूस कर सकते हैं।
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- पीठ में दर्द
- बुखार आना
- उल्टी या मितली
- दिल तेज धड़कना
- पेट में सूजन
पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित लोग अगर गंभीर रूप से बीमार दिखें तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
पैंक्रियाज को कैसे रखें स्वस्थ
पैंक्रियाटाइटिस के पेशेंट्स को भरपूर मात्रा में ताजी सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन करने के लिए कहा जाता है। स्वस्थ व्यक्ति भी अगर इनका सेवन करे तो पैंक्रियाटाइटिस से बचा रहेगै। इनसे कार्ब्स का इनटेक कम होने के साथ फाइबर इनटेक बढ़ जाता है। जो गाल ब्लैडर की पथरी व हाई ट्राइग्लिसराइड्स के जोखिम को कम करता है। असल में इन दोनों ही स्थितियों में पैंक्रियाटाइटिस होने का जोखिम बढ़ जाता है। ग्राफिक्स में देखते हैं क्या काना है-
क्यों बिगड़ती है पैंक्रियाज की सेहत
पैंक्रियाज की सेहत क्यों बिगड़ती है यह जानना भी जरूरी है। लंबे समय तक तला-भुना खाने, शराब पीने और पानी कम पीने से पैंक्रियाज की सेहत बिगड़ सकती है। इसे पैंक्रियाटाइटिस के नाम से भी जानते हैं। कई मामलों में पैंक्रियाटाइटिस के कारण अज्ञात हैं।
पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख कारण
- गाल ब्लैडर में स्टोन
- जेनेटिक प्रॉब्लम्स
- दवाओं के रिएक्शन से
- इंफेक्शन या चोट से
- लगातार शराब पीने से