बीच सड़क पर फायरिंग, सटीक रेकी, पीछा कर मारा; दोनों जगह लॉरेंस का नाम
हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या का तरीका पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर से मिलता-जुलता है। दोनों हत्याकांड को एक ही स्टाइल में अंजाम दिया गया।
सिद्धू मूसेवाला का मर्डर गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों ने किया था और राठी की हत्या में भी लॉरेंस गैंग का नाम आ रहा है। राठी की रविवार शाम को झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में बराही रेलवे फाटक के पास उस समय गोलियां मारकर हत्या कर दी गई जब वह अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी में कहीं जा रहे थे।
पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की 29 मई, 2022 की शाम को मूसेवाला गांव में उनके घर के पास गोली मारकर हत्या की गई थी। उन पर 30 राउंड फायर किए थे और उनमें से 19 गोलियां मूसेवाला को लगी थीं।
1. सड़क के बीचों-बीच फायरिंग
नफे सिंह राठी पर रविवार शाम को सड़क के बीचों-बीच गोलियां मारी गईं। शुरुआती इन्वेस्टिगेशन में उन पर 50 के पास राउंड फायर करने की बात सामने आई है। 29 मई 2022 की शाम को पंजाब में मानसा जिले के जवाहरके गांव में मूसेवाला पर भी इसी स्टाइल में सड़क के बीचों-बीच गोलियां चलाईं थीं।
दोनों घटनाओं में हमलावरों ने अपने टारगेट को संभलने का मौका तक नहीं दिया। मूसेवाला ने फिर भी अपनी पिस्टल से लॉरेंस के गुर्गों पर कुछ गोलियां चलाई थीं, लेकिन राठी के गनमैन तो जवाबी फायर तक नहीं कर पाए।
दोनों घटनाओं में हमलावरों ने मॉर्डन हथियारों का इस्तेमाल किया। मूसेवाला को मारने के लिए लॉरेंस के गुर्गे AK47 और 9MM पिस्टल जैसे हथियार लेकर गए थे।
नफे पर हुए हमले में भी जिस तरह गोलियां उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी की बॉडी के आर-पार हुईं, उससे साफ है कि हमलावर यहां भी मॉडर्न हथियारों से लैस थे। पुलिस ने घटनास्थल से गोलियों के खाली खोल बरामद कर लिए हैं। इनकी फोरेंसिंक जांच से पता चल जाएगा कि फायरिंग किन वैपन से की गई।
दोनों घटनाओं में हमलावरों ने मेन टारगेट पर फोकस रखा। मूसेवाला हत्याकांड में बदमाशों ने 30 राउंड फायर किए और उनमें से 19 गोलियां ड्राइविंग सीट पर बैठे मूसेवाला को लगीं। मूसेवाला के साथ थार जीप में सवार उनके दोनों दोस्त टारगेट नहीं थे इसलिए घायल होने के बावजूद दोनों बच गए।
बहादुरगढ़ में भी बदमाशों का टारगेट नफे सिंह राठी ही थे, इसलिए उन्होंने फॉर्च्यूनर गाड़ी पर उसी साइड गोलियां मारीं जिस तरफ राठी बैठे थे। गाड़ी की बॉडी के आर-पार हुई कुल 10 गोलियों में से 6 नफे सिंह वाली विंडो में लगीं। पीछे बैठे गनमैनों और बूटस्पेस वाले एरिया में 4 बुलेट लगीं। वह भी संभवत: तब चली जब राठी के गनमैनों ने जवाबी फायर करने चाहे।
इन गोलियों की वजह से राठी के एक साथी जयकिशन दलाल की मौत हो गई, जबकि दो सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। राठी वाली साइड की दोनों विंडो के कांच गोलियों से चकनाचूर हो गए मगर गाड़ी की विंडशील्ड में एक भी गोली नहीं लगी।
2. सटीक रेकी, पहले से पीछा, शाम को हमला
नफे सिंह राठी भी रविवार दोपहर साथी, भांजे और प्राइवेट सुरक्षाकर्मियों के साथ अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी में घर से निकले। जिस तरह उन्हें बराही फाटक के पास निशाना बनाया गया, उससे साफ है कि हमलावरों ने राठी की रेकी करवा रखी थी।
हमलावर आई-10 कार में अभिवादन के बहाने राठी की फॉर्च्यूनर के पास पहुंचे। इसके बाद उन्होंने राठी पर 40 से 50 राउंड गोलियां चलाईं। वह जानते थे कि राठी किस समय कहां पहुंचेंगे और हमलावर पहले से कार में उनके पीछे लगे थे। दोनों हत्याएं शाम के समय की गईं।
सिद्धू मूसेवाला के अपनी थार जीप में घर से निकलते ही लॉरेंस के गुर्गे अपनी कार में पीछे लग गए थे। हमलावरों ने मूसेवाला की सटीक रेकी की थी। जवाहर के गांव के पास पहुंचते ही घटना को अंजाम दिया।
नफे 65 साल के थे, परिवार में दो बेटे
नफे सिंह राठी की उम्र लगभग 65 साल थी और वह 10वीं तक पढ़े हुए थे। परिवार में उनके दो बेटे हैं जिनमें नाम भूपेंद्र और जितेंद्र हैं। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने राठी को दो साल पहले ही पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।