मनी लॉन्ड्रिंग केस में सितंबर से जेल में, जनवरी में कहा था- जेल में ही मर जाऊंगा
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो महीने की अंतरिम जमानत दे दी है। रिलायंस अस्पताल में भर्ती गोयल को एक लाख रुपए का मुचलका भरने को कहा गया है। गोयल कोर्ट की अनुमति के बिना मुंबई से बाहर नहीं जा सकेंगे। गोयल ने चिकित्सा और मानवीय कारणों का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। वह और उनकी पत्नी अनीता गोयल दोनों कैंसर से पीड़ित हैं। हालांकि, ED ने जमानत देने का विरोध किया था और कहा था कि प्राइवेट अस्पताल में उनका रहना एक महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है।
सितंबर 2023 में गोयल हुए थे गिरफ्तार
ED ने गोयल को केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस में सितंबर 2023 में गिरफ्तार किया था। नवंबर 2023 में ED ने गोयल की पत्नी अनीता को भी अरेस्ट किया था। हालांकि, उनकी उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर कोर्ट ने तुरंत जमानत दे दी थी।
स्पेशल कोर्ट में रोने लगे थे नरेश गोयल
6 जनवरी को गोयल मुंबई के स्पेशल कोर्ट में रोने लगे थे। तब उन्होंने कोर्ट से कहा कि मैं जिंदगी की आस खो चुका हूं। मेरा स्वास्थ्य बहुत बिगड़ गया है। बेहतर होगा कि जेल में मर जाऊं। मुझे अपनी पत्नी की कमी बहुत खलती है। वह कैंसर की लास्ट स्टेज में हैं।
बैंक का आरोप- पैसों की हेराफेरी की गई
केनरा बैंक ने आरोप लगाया था कि जेट एयरवेज की फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि जेट ने अपने से जुड़ी कंपनियों यानी ‘रिलेटेड कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसा निकालने के लिए किया गया। गोयल परिवार के पर्सनल खर्च- जैसे स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस, सब जेट एयरवेज से ही होते थे। गोयल ने 1993 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी। 2019 में एयरलाइन चेयरमैन पद छोड़ दिया था।